भोपाल। शिवराज कैबिनेट की बैठक आज 11 बजे भोपाल के कोलार डेम के रेस्ट हाउस में शुरू हो गई है। बैठक का सिर्फ एक ही एजेंडा आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश रखा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रियों के साथ इसके रोडमैप पर मंथन कर रहे हैं। बैठक की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार और सुशासन पर स्पष्ट रणनीति तैयार की गई है। इस रोडमैप के आधार पर मंत्री अपने विभागों की योजना तैयार कर क्रियान्वित कर रहे है । मंत्री एवं प्रशासन के हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी और उसकी प्रत्येक स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग होगी।लोक सेवा प्रबंधन विभाग रोडमैप क्रियान्वयन में समन्वय करेगा। अन्य सभी विभाग सक्रिय भागीदारी करेंगे।
इस बैठक् में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी जुडे़। उन्होंने कहा कि जब सभी राज्य सिर्फ कोरोना से ही लड़ रहे थे, तब मध्यप्रदेश ने कोरोना से लोगों के बचाव के लिए अच्छे प्रबंध करते हुए प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए यह रोडमैप तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप के क्रियान्वयन को लेकर आज दिन भर मंत्रियों से वन-टू-वन बात करेंगे। इस दौरान मंत्री बताएंगे कि उनका विभाग इस योजना को अगले तीन साल में कैसे पूरा करेगा। इसके लिए आर्थिक संसाधन कैसे जुटाएंगे। मुख्य रूप से मुख्यमंत्री का फोकस रोजगार पर है। बैठक में मंत्री यह भी बताएंगे कि उनके विभाग की आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत कितने रोजगार सृजन करने की योजना है।
मंत्री होंगे जिम्मेदार
मुख्यमंत्री ने अगस्त में जब आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाने की कवायद शुरू हुई थी, तब उन्होंने निर्देश दिए थे कि मंत्रियों की जिम्मेदारी है कि वह जनता से जुड़े मुद्दों को शामिल करें। इसके बाद मंत्रियों ने अपनी सिफारिशें सीएम सचिवालय को भेजी गई थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विभाग के अफसर नहीं, बल्कि मंत्री जिम्मेदार होंगे। मंत्री, विभाग के अफसरों के साथ बैठकें कर इसका रोडमैप बनाएं।
इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
इसमें 1 महीने से लेकर 3 महीने, 6 महीने, 1 साल, 2 साल और 3 साल की पूरी योजनाएं होंगी। किस समय हम क्या-क्या करेंगे, किस तरह से इसे जुटाया जाएगा और कैसे आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा, इसकी पूरी रूपरेखा विभागवार बनाई गई है, ताकि 3 साल में इसे पूरा किया जाए।
ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य
बता दें कि मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने विभिन्न विषय के विशेषज्ञों से परामर्श करके आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया है। रोडमैप तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार विषय भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा और अर्थव्यवस्था एवं रोजगार पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किए थे।