भोपाल आरटीओ में 2019 के मुकाबले 2020 में ज्यादा महंगी और लग्जरी गाड़ियां रजिस्टर्ड हुई हैं। 5 लाख और 10 लाख रुपए के बीच की कीमत वाली गाड़ियां भी काफी संख्या में रजिस्टर्ड हुईं। 2020 में लंबे लॉकडाउन के बाद भी आरटीओ में 17,855 कारें रजिस्टर्ड की गईं, जबकि पिछले साल का आंकड़ा 21,879 था यानी 2020 में करीब 3 हजार का ही अंतर रहा।
मोटर साइकिल की बात करें तो 2019 में 77,284 रजिस्टर्ड हुई थीं, जबकि 2020 के आखिर तक 49,884 के रजिस्ट्रेशन हुए। वर्ष 2019 और 2020 के दौरान जनवरी से दिसंबर तक आरटीओ भोपाल में रजिस्टर्ड वाहनों की जानकारी लेने पर पता चला कि लग्जरी और सरकार को ज्यादा टैक्स देने वाली गाड़ियां 2020 के दौरान ज्यादा आरटीओ में रजिस्टर्ड की गईं, जबकि आधे से ज्यादा साल के दौरान कोविड संक्रमण का दौर लगातार चलता रहा।
कैश वैन भी ज्यादा बेची गईं
इसके अलावा नकदी के ट्रांजेक्शन के लिए ले जाई जाने वाली कैश वैन की बिक्री भी 2020 में ज्यादा रही। वर्ष-2020 में 54 कैश वैन आरटीओ में रजिस्टर्ड हुईं, जबकि वर्ष-2019 में यह संख्या सालभर में 32 तक ही पहुंच सकी थी। आम लोगों द्वारा ज्यादा मात्रा में विभिन्न बैंक एटीएम से ज्यादा पैसा निकाले जाने के कारण वैन की बिक्री ज्यादा होना इसका कारण बताया गया है।
पांच महीने में 51 नई एंबुलेंस रजिस्टर्ड
आरटीओ में 2020 के आखिर तक 51 नई एंबुलेंस रजिस्टर्ड की गईं, जबकि 2019 में यह संख्या 77 थी। इस तरह औसतन देखें तो लॉकडाउन खुलने के बाद यानी जुलाई से दिसंबर 2020 तक ही 51 एंबुलेंस खरीदी गईं, जबकि पूरे वर्ष-2019 के दौरान 77 एंबुलेंस खरीदी गईं। इधर, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए खरीदी जाने वाली बसों का आंकड़ा 2019 के मुकाबले 2020 में काफी कम रहा। 2019 में आरटीओ में 95 बसें रजिस्टर्ड की गई थीं, जबकि 2020 में इनकी संख्या 24 ही रही।
काफी संख्या में खरीदी गईं छोटी कारें
आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि आम लोगों ने भी आवागमन के साधन खासकर छोटे स्थानों के बीच आने-जाने के लिए छोटी कारें काफी संख्या में खरीदीं। इसी का नतीजा रहा कि देशभर में मप्र में वाहनों की बिक्री का आंकड़ा अन्य राज्यों के मुकाबले लगभग 23 फीसदी तक ज्यादा रहा।