भोपाल। राजधानी के तीन सेंटर गांधी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोलार स्थित जेके अस्पताल और गोविंदपुरा डिस्पेंसरी पर कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का ड्राय रन शनिवार सुबह होगा। तीनों सेंटरों में इसके लिए तीन-तीन कमरे होंगे।
पहला कमरा वेटिंग रूम होगा, जहां वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी। दूसरे कमरे में वैक्सीन लगाई जाएगी और तीसरा कमरा ऑब्जर्वेशन रूम होगा। जहां पर वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट रुकना होगा, ताकि किसी तरह की दिक्कत होने पर अस्पताल पर पहुंचाया जा सके। वैक्सीनेशन के काम के लिए हर सेंटर पर पांच लोग रहेंगे।
वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं - पॉजिटिव मरीज काे ठीक होेने के 14 दिन बाद ही लग सकेगी, वैक्सीनेशन के बाद आधा घंटा सेंटर पर रुकना होगा
कोविड वैक्सीन कब तक आ जाएगा?
- वैक्सीन के मूल्यांकन की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। भारत सरकार कोविड-19 की वैक्सीन लगाने के लिए जरूरी तैयारी पूरी कर चुकी है। शनिवार से इसका ड्राय रन होगा। इसमें जो खामियां मिलेंगी, उन्हें सुधारा जाएगा।
क्या कोरोना का टीका सभी लोगों को एक साथ लगाया जाएगा?
- भारत सरकार ने वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार कुछ लोगों को प्राथमिकता में रखा है। पहले नंबर पर स्वास्थ्यकर्मी और अन्य फ्रंटलाइन कर्मचारी होंगे। साथ ही 50 साल से अधिक आयु के लोग और 50 से नीचे के वे लोग भी होंगे, जिन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व कैंसर की बीमारी है।
क्या वैक्सीन लगवाना जरूरी है?
- अनिवार्य नहीं, यह स्वैच्छिक है। वैक्सीन का पूरा डोज लगवाने से आप खुद को ही नहीं अपने परिजन और दोस्तों का भी कोरोना से बचाव करते हैं।
क्या कोरोना से स्वस्थ हो चुके व्यक्ति को भी वैक्सीन लगवाने की जरूरत है?
- हां, ऐसे लोगों को भी वैक्सीन की तय डोज लगवाने की जरूरत है।
कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग के पंजीकरण के बिना वैक्सीन लगवा पाएगा?
- नहीं, पंजीकरण जरूरी है। इसके बाद ही टीकाकरण की जानकारी साझा की जाएगी।
क्या यह वैक्सीन सुरक्षित हैं, क्योंकि इसे बहुत कम समय के परीक्षण के बाद उपयोग की अनुमति दी जा रही है?
- वैक्सीन का उपयोग तभी किया जाएगा जब नियामक संस्थाओं द्वारा वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी जाएगी।
क्या कोविड संदिग्ध या पॉजिटिव को वैक्सीन लगेगी?
- नहीं ऐसा नहीं है। ऐसे लोगों के टीकाकरण केंद्र पर पहुंचने से दूसरों लाेगों के संक्रमित होने का खतरा रहेगा। उन्हें कोविड के लक्षण खत्म होने के 14 दिन के बाद ही उन्हें प्राथमिकता की श्रेणी में आने पर टीका लगाया जाएगा।
उपलब्ध कोरोना के कई टीके में एक या अधिक वैक्सीन को कैसे चुनें ?
- देश में ड्रग नियंत्रक द्वारा वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव के आधार पर ही इसके इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है। अनुमति प्राप्त सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं, लेकिन सलाह यह है कि एक ही वैक्सीन से कोर्स पूरा करें।
पंजीकरण के पात्र व्यक्ति को कौन-कौन से दस्तावेज दिखाने जरूरी हैं?
- पंजीयन के दौरान ड्राइविंग लाइसेंस, स्वास्थ्य कार्ड, मनरेगा कार्ड, पैन कार्ड, बैंक या डाकघर पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज, सेवा पहचान पत्र और मतदाता पहचान पत्र में किसी एक की जरूरत होगी।
क्या फोटोयुक्त पहचान पत्र टीकाकरण स्थल पर दिखाना जरूरी है?
- पहचान पत्र टीकाकरण स्थल पर पंजीयन और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है, जिससे यह साबित हो सके की टीका सही व्यक्ति को ही लग रहा है।
टीका लगाने की जानकारी कैसे मिलेगी?
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद, लाभार्थी को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस आएगा। साथ ही वैक्सीन की सभी खुराक लगने के बाद व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर क्यूआर कोड आधारित प्रमाण पत्र भी भेजा जाएगा।
कोई व्यक्ति कैंसर, डायबिटीज और हाई बीपी की दवा ले रहा है, तो क्या वैक्सीन लगवा सकता है?
- बिल्कुल, ऐसे लोग ज्यादा जोखिम आते हैं। इन्हें वैक्सीन लगवाना चाहिए।
वैक्सीनेशन के बाद कोई दुष्प्रभाव होंगे?
- कोरोना वैक्सीन सुरक्षित व प्रभावी है, लेकिन अन्य टीके की तरह इंजेक्शन वाली जगह पर हल्का दर्द या किसी-किसी को बुखार हो सकता है।
जिस व्यक्ति को टीका लगना है उसे टीकाकरण केंद्र पर कितनी देर रुकना होगा। क्या इंतजाम किए गए हैं?
- वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट तक रुकना होगा। यदि कोई दिक्कत होती है तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों, एएनएम और आशा कार्यकर्ता को दी जाएगा।
एंटीबॉडीज कब विकसित हो जाएगी? एक खुराक लेने के बाद, दो खुराक लेने के बाद या बहुत दिनों बाद?
- वैक्सीन की दूसरी खुराक लगने के दो सप्ताह के भीतर एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर आमतौर पर विकसित होता है।
(-राज्य टीकाकरण अधिकारी
डॉ. संतोष शुक्ला के मुताबिक)