नई दिल्ली। किसानों को मनाने के लिए सरकार का जो काम चिट्ठियां और मीटिंग हॉल के प्रजेंटेशन नहीं कर पाए, वो दो मीठे बोलों ने कर दिया। बुधवार को मीटिंग के दौरान लंच ब्रेक में किसान हर बार की तरह लंगर से आया खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश भी वहां पहुंच गए। कृषि मंत्री तोमर ने एक किसान नेता से कहा- ओ पाजी, अकेले-अकेले खा रहे हैं। उधर से जवाब मिला- नहीं सर, आपके लिए भी प्लेट मंगवाते हैं। इसके बाद तीनों मंत्री प्लेट लेकर लाइन में लग गए और किसानों के बीच रहकर ही खाना खाया।
फिर बन गई बात...
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों के इस व्यवहार से माहौल हल्का हो गया। लंच के बाद टी ब्रेक में भी तीनों मंत्री किसानों के साथ रहे। इससे किसान नेताओं को पॉजिटिव मैसेज गया। उधर, सरकार का रुख बाहर ही नहीं, बल्कि मीटिंग हॉल के अंदर भी नरम रहा। नतीजा ये रहा कि 4 में से 2 मुद्दों पर बात बन गई।
इन 2 मांगों पर बनी सहमति
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे: अभी 1.करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रोविजन है। सरकार इसे हटाने को राजी हुई।
2. बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं: किसानों को आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद होगी। अब यह कानून नहीं बनेगा।
2 मांगों पर 4 जनवरी को बैठक
1. तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग।
2. MSP पर अलग कानून बनाने की मांग।
आंदोलन खत्म होने की उम्मीदें बढ़ीं
किसानों को उम्मीद है कि अगली मीटिंग में भी सरकार का रुख ऐसा ही रहेगा, जैसा बुधवार को था। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से बातचीत पॉजिटिव रही। हरपाल सिंह बेल्लारी ने कहा कि सरकार बिजली अधिनियम और पराली के मामले में हमारी मांगों पर आदेश जारी करने को राजी हो गई। कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP की गारंटी पर 4 जनवरी को चर्चा होगी।
ट्रैक्टर मार्च टाला, लेकिन आंदोलन जारी
सरकार के साथ मीटिंग पॉजिटिव रहने के बाद किसानों ने गुरुवार का ट्रैक्टर मार्च टाल दिया। हालांकि, आंदोलन जारी है। आज इसका 36वां दिन है। किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। पंजाब में तो इससे पहले से आंदोलन कर रहे थे। इस बीच 7 दौर की बातचीत में बुधवार को पहली बार किसानों और सरकार के बीच तल्खी खत्म होती दिखी।
3 दिन में 2 किसानों की मौत
हरियाणा के कैथल जिले के भाना गांव के किसान रामकुमार की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनकी उम्र 55 साल थी। वे टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल थे। इससे पहले मंगलवार को टिकरी बॉर्डर पर एक महीने से बैठे पंजाब के धर्मपुरा के किसान प्यारा सिंह की ठंड लगने से मौत हुई थी।