भोपाल। बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनाव की रणनीति नए साल के शुरुआत में तेज करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश के 5 महामंत्री 2 जनवरी से बैठकों का दौर शुरू करेंगे। निकाय चुनाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी महामंत्रियों को सौंपी गई है। जो पहले चरण में सांसदों,विधायकों व जिलाध्यक्षों की विभिन्न पहलुओं पर राय लेंगे। इसके बाद मंडल स्तर के पदाधिकारियों का फीडबैक लिया जाएगा।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर के दौरान प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने चुनावी दंगल में उतरने से पहले होमवर्क पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसको ध्यान में रखकर ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने प्रदेश महामंत्री हरिशंकर खटीक,भगवान दास सबनानी, कविता पाटीदार, शरतेन्दु तिवारी और रणवीर सिंह रावत को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश में यूथ लीडरशिप डवलप करना चाहता है। इसलिए निकाय चुनाव में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देने की रणनीति पर फोकस है। इसको लेकर महामंत्री जिला अध्यक्षों व मंडल अध्यक्षों से सुझाव लेंगे और यह तलाशेंगे कि युवा उम्मीदवार को कहां से टिकट देना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा इस बात का भी अध्ययन किया जाएगा कि किस क्षेत्र में जाति गणित क्या है और कौन से मुद्दे चुनाव में प्रभावी रहेंगे। इस पर भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
पिछला रिकॉर्ड बरकरार रखने की चुनौती
पिछले नगर निगम चुनाव में क्लीन स्वीप के साथ ही नगर पालिका और नगर परिषद में अपेक्षित जीत अर्जित करने वाली पार्टी के लिए इस बार पिछला रिकॉर्ड बरकरार रखना बड़ी चुनौती है। लिहाजा अभी से इसकी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी महामंत्रियों को दी गई है। नगरीय निकाय चुनावों की तारीख का ऐलान फरवरी के तीसरे सप्ताह में हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने तैयारियों का रोडमैप तैयार किया है।
जनवरी के अंत तक अध्यक्ष को देंगे रिपोर्ट
महामंत्री करीब एक पखवाड़े से अधिक समय तक संगठन के विभिन्न स्तरों पर बात कर अपनी सुझाव रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव की अंतिम रणनीति और टिकट के क्राइटेरिया तय किया जाएगा। यह काम जनवरी माह के अंत तक पूरा होने की संभावना है।