भोपाल। स्वास्थ्य विभाग कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी छिपा रहा है। इसका खुलासा दिसंबर महीने में हुईं मौतों के आंकड़ों का मिलान शहर के विश्रामघाट और कब्रिस्तान के रिकॉर्ड से करने पर हुआ है। अंतर दोगुने से भी ज्यादा है।
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दिसंबर महीने में कोरोना से शहर में महज 57 मरीजों की मौत होना बताया जा रहा है। जबकि, भदभदा विश्रामघाट और झदा कब्रिस्तान में भोपाल के 122 कोरोना मरीजों के शव का अंतिम संस्कार किया गया है। इससे साफ है कि स्वास्थ्य विभाग अकेले दिसंबर में ही 65 कोरोना मरीजों की मौत की जानकारी छिपा रहा।
102 शव पहुंचे भदभदा विश्रामघाट : आईसीएमआर की गाइड लाइन के मुताबिक सभी सरकारी और गैरसरकारी कोरोना अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों की मौत के बाद शव परिजनों को नहीं दिया जाता है। प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए भदभदा विश्रामघाट और झदा कब्रिस्तान को इसके लिए चिह्नित किया है। ऐसे में दिसंबर महीने में भदभदा विश्रामघाट पर 102 शवों का दाह संस्कार किया गया। जबकि, झदा कब्रिस्तान में कोरोना संक्रमित शवों को दफनाया गया।
कोरोना मरीजों की डैथ ऑडिट के आधार पर स्टेट को जानकारी दी जाती है। विश्रामघाट और श्मशानघाट के आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
-डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
अंतिम सत्य- भदभदा विश्रामघाट और झदा कब्रिस्तान के रिकॉर्ड में दर्ज दोगुनी मौतें
पूरे महीने हर दिन सिर्फ दो मौत बताई
दिसंबर में हररोज शहर में दो ही मौत होना बताई है। महज 3 दिन 4, 11 और 13 दिसंबर को 1-1 मरीज की मौत होना बताया गया है। जबकि, हकीकत यह है कि 2 और 3 दिसंबर को 9-9 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पूरे महीने में सिर्फ 57 मौत हुई हैं।
मौत छिपाने का मामला पहला नहीं
नवंबर में नेशनल हेल्थ पोर्टल की डेथ ऑडिट रिपोर्ट में भी प्रदेश के कोरोना मरीजों की मौत के आंकड़े कम किए गए थे। 3408 कोरोना मरीजों की मौत में 3272 मरीजों की मौत ही कोरोना से होना बताया गया था। इनमें से 71 मरीजों की मौत दूसरी बीमारियों से होना बताई। जबकि, 65 मरीजों की मौत का कारण डेथ ऑडिट में भी नहीं लगना बताया।