भोपाल। राजधानी के लोगों के वाॅट्सएप हैक होने का आंकड़ा बढ़कर 60 के पार हो गया है। भोपाल सायबर क्राइम को इस संबंध में मंगलवार को सात और शिकायतें मिलीं, जबकि राज्य सायबर सेल में ऐसी नौ शिकायतें पहुंची हैं। ये हैकिंग किसने और कहां से बैठकर की, इसका पता दोनों ही पुलिस अब तक नहीं लगा सकी हैं।
वजह ये है कि वॉट्सएप ने पुलिस को जालसाज के आईपी लॉग्स की जानकारी अब तक शेयर नहीं की है। जानकारों का मानना है कि वॉट्सएप का दफ्तर भारत में नहीं है, इसलिए वह लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी को पूरी तरह से सपोर्ट नहीं करता है। यदि डाटा संरक्षण कानून देश में लागू हो जाता तो ऐसी परेशानी नहीं होती।
पुलिस की एडवाइजरी
- ओटीपी को किसी से शेयर न करें। अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप से फौरन बाहर हो जाएं। टू स्टेप वेरिफिकेशन को अनेबल कर दें।
- वाॅट्सएप हैक होने पर ईमेल आईडी support@support.whatsapp.com पर आपके डिवाइस में रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी से हैक होने की सूचना दें।
- इसके बाद वॉट्सएप को री-इंस्टॉल करें और ओटीपी जनरेट कर वॉट्सएप अकाउंट में लॉगइन करें।
- सायबर क्राइम होने पर 0755-2920664 और 7049106300 पर संपर्क करें।
50 में से एक भी ईमेल का जवाब नहीं दिया वॉट्सएप ने
सोमवार शाम होटल कारोबारी रॉबिन दत्ता समेत 40 लोगों का वाॅट्सएप हैक कर लिया गया था। लॉगइन करने से पहले वॉट्सएप की ओर से इंटरनेट यूजर नंबर पर भेजे गए ओटीपी को जालसाजों ने अपना बताकर ये धोखाधड़ी की।
रॉबिन ने बताया कि ये गड़बड़ी उनके भोपाल और आसपास रहने वाले दोस्तों के साथ हुई है। अलास्का और स्कॉटलैंड में रहने वाले भारतीय दोस्तों के भी वाॅट्सएप को हैक कर लिया गया है। जालसाज ने उनके एक दोस्त को कई ग्रुप्स के एडमिन से हटाकर खुद को एडमिन बना लिया है। सायबर पुलिस ने कुछ महीनों में वाॅट्सएप को 50 से ज्यादा ईमेल भेजे हैं, लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला है।
लंबित है डाटा संरक्षण कानून
देश में डाटा संरक्षण कानून फिलहाल पटल पर नहीं आया है। इस कानून के लागू होने से निजी डाटा चोरी करने वाली कंपनियों पर सख्ती बढ़ जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इससे उन्हें भारत में ही सूचनाओं को संग्रहित और संसाधित करना होगा। फिलहाल भारतीयों का डाटा लेने के लिए भारत को विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है।
आईपी लॉग भी नहीं दे रहा है
वाॅट्सएप एंड टू एंड इनक्रिप्शन पर काम करता है। यानी उनका दावा है कि किसी को किसी की ओर से भेजे गए डाटा को वह सर्वर पर सेव नहीं करता है। हमारे किसी ईमेल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। वे आईपी लॉग्स यानी उस नंबर की जानकारी भी नहीं दे रहे हैं, जिससे जालसाजों ने वॉट्सएप लॉगइन करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया है।
- साईं कृष्णा, एसपी साउथ