खाद्य सुरक्षा अधिनियम अध्यादेश को मंजूरी; व्यापारियों को नहीं, मिलावटखारों को होगी उम्रकैद

Posted By: Himmat Jaithwar
12/30/2020

भोपाल। वर्ष 2020 की मंगलवार को हुई अंतिम कैबिनेट की बैठक में शिवराज सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून के अलावा खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत मिलावटखोरों को उम्रकैद की सजा होगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का फोकस मिलावटखोरों पर ज्यादा है, इसलिए व्यापारियों को नहीं, बल्कि मिलावटखोरों लिए कानून में सख्त प्रावधान किए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों को जीवन भर जेल में चक्की चलाना पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा- नए साल में आत्म निर्भर मध्य प्रदेश को लागू करने के लिए जुटना है।

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार को इनपुट मिला है, कोरोना वैक्सीन में फर्जीवाड़ा हो सकता है। इसे लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 22 दिसंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि ऐसा होने पर दोषियों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी।

यह है सजा का प्रावधान

खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 272 से 276 में मिलावट करने वाले को 6 माह की सजा और 1 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन अब इसे संशोधित कर आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसी तरह अधिनियम की धारा 277 (क) में एक्सपायरी डेट की दवाएं बेचने पर सजा 3 साल से बढ़ा कर 5 साल और एक लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

लोक सेवा प्रबंधन अधिनियम में संशोधन

कैबिनेट ने लोक सेवा प्रबंधन अधिनियम में संशोधन कर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब सरकारी कार्यालयों में निर्धारित समय सीमा में काम करने का प्रावधान है। अभी तक यदि समय पर काम नहीं होने पर संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाने और यह राशि आवेदक को देने का प्रावधान था, लेकिन अब समय सीमा में ही काम किए जाने का प्रावधान किया गया है। बतौर उदाहरण -नगर निगम से नक्शा स्वीकृत कराने के लिए 30 दिन की समय सीमा तय है। यदि इस अवधि में संबंधित अफसरों ने कार्रवाई नहीं की, तो उस पर जुर्माना तो लगेगा ही, लेकिन 30 दिन बाद जो नक्शा स्वीकृति के लिए जमा किया गया था, उसे स्वीकृत मान लिया जाएगा।

कोरोना वारियर्स को याद किया जाएगा

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 की अंतिम बैठक में मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह साल मुख्यमंत्री ने मंत्री गणों से कहा कि कोरोना काल में डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी, नगरीय निकाय और पुलिस कर्मचारियों ने कठिन परिश्रम किया। उन्होंने सागर के डा. शुभम को भी याद किया, जिसकी कोरोना से मौत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि काेरोना काल में प्रदेश की जनता ने मजदूरों और गरीबों की मदद की। यह सराहनीय कदम है।



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