भोपाल: ब्रिटेल से मध्स प्रदेश लौटे दो और लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. राज्य में 25 नवंबर के बाद ब्रिटेन से लौटे अब तक कुल 4 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. विदेश यात्रा से लौटे ये दोनों कोरोना संक्रमित मरीज क्रमश: ग्वालियर और भोपाल के रहने वाले हैं. एक मरीज को भोपाल के छत्रसाल नगर में होम आइसोलेशन में रखा गया है, वहीं दूसरे को ग्वालियर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. ब्रिटेन में मिले नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए इनके सैंपल टेस्टिंग लैब में भेजे गए हैं.
आपको बता दें कि 25 नवंबर के बाद कुल 64 यात्री ब्रिटेन से भोपाल आए. इनमें 44 की कोविड टेस्टिंग हुई है और 43 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. एमपी में अब तक कुल 371 ऐसे लोगों की पहचान हुई है जो बीते दिनों में ब्रिटेन की यात्रा से लौटे हैं. इनमें 247 की कोविड जांच हुई है, 70 की रिपोर्ट आना बाकी है. जबकि 57 लोगों की कोरोना टेस्टिंग अभी नहीं हुई है.
ब्रिटेन से मध्य प्रदेश लौटे अब तक 4 लोग कोरोना पॉजिटिव
दरअसल, मध्य प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज, एम्स भोपाल के साथ ही प्राइवेट लैब्स में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की जांच की सुविधा नहीं है. ऐसे में ब्रिटेन से आए यात्रियों के सैंपल पॉजिटिव आने पर नए कोरोना स्ट्रेन की जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं. इससे पहले ब्रिटेन से लौटकर इंदौर पहुंचे 2 यात्रियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
ब्रिटेन से ग्वालियर लौटे कोरोना संक्रमित 35 वर्षीय साॅफ्टवेयर इंजीनियर की पत्नी और 6 साल के बेटे की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इंजीनियर को जिला अस्पताल के एक अलग वार्ड में विशेष निगरानी में रखा गया है. पिछले एक महीने में ब्रिटेन से 48 लोग ग्वालियर आए हैं. इनमें दो लोग गुना चले गए थे, उनकी जांच रिपोर्ट सोमवार को आएगी.
क्या है कोरोना का नया स्ट्रेन?
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले लंदन, दक्षिण-पूर्वी ब्रिटेन और पूर्वी ब्रिटेन में हुई. ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार इन दिनों देश में कोरोना पॉजिटिव हो रहे लोगों में दो-तिहाई संख्या नए स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की हो सकती है. हालांकि ये एक अनुमान भर है. कोरोना के नए स्ट्रेन में वायरस के उन हिस्सों में बदलाव हुआ है जो इंसानी कोशिकाओं पर असर डालता है. इसमें N501Y नाम का म्यूटेशन हुआ है जो शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित करता है. लैब में देखा गया है कि इनमें से कुछ म्यूटेशन की वजह से वायरस की इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ जाती है.