लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान तमाम कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम (Work From Home) करने की सुविधा दी हुई है. साथ ही सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि नियोक्ता लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती न करें. लॉकडाउन का समय कर्मचारियों के लिए वर्किंग पीरियड ही माना जाएगा.
अप्रैल शुरू हो गया है. सबकी तनख्वाह (Employee's Salary) का समय हो गया है, लेकिन लोग कह रहे हैं कि तनख्वाह तब देंगे, जब दफ्तर जाकर बनाएंगे. कर्मचारियों की तनख्वाह तो बनानी ही पड़ेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी मालिक और उसका अकाउंटेंट है, वह कार्यालय जाकर तनख्वाह बनाएगा, तभी लोगों के खाते में पैसा जाएगा. ऐसे सभी संस्थान के अधिकृत अधिकारी व कर्मचारी के लिए कुछ फैसले लिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी नियोक्ता तनख्वाह देते हैं, उनको दो दिन के लिए वाहन और आपका ई-पास दे जाएगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी सैलरी काटनी नहीं है. इस वक्त सभी लोग घर पर हैं, छुट्टी पर हैं, लेकिन नियोक्ता को किसी की सैलरी काटनी नहीं है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि निर्माण कार्य से जुड़े लोगों के बैंक खाते में पैसा पहुंचने लगा है. अब तक करीब 35 हजार निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के खाते में 5-5 हजार रुपये भेजा जा चुका है. बाकी लोगों के खाते में भी जल्द भेजे जाएंगे.
ऑटो, टैक्सी ड्राइवरों को मिलेंगे 5,000 रुपये
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने दिल्ली में रजिस्टर्ड ई-रिक्शा चालकों, ऑटो रिक्शा चालक, टैक्सी ड्राइवर, आरटीवी, ग्रामीण सेवा जैसी ट्रांसपोर्ट सर्विस से जुड़े लोग भी लॉकडाउन के चलते प्रभावित हो रहे हैं. इन लोगों की मदद के लिए सरकार ने इनके बैंक खातों में 5-5 हजार रुपये ट्रांसफर करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अभी इस काम में 8 से 10 दिन का समय लग जाएगा, क्योंकि सरकार के पास इन लोगों के बैंक खाते नहीं हैं.
10 लाख लोगों को खाना खिलाने की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के चलते किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो, इसके लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने रोजाना 10 लाख लोगों को दोनों समय का भोजन मुहैया कराने की व्यवस्था विकसित कर ली है.