भोपाल। MP विधानसभा का शीतकालीन सत्र कोरोना के चलते स्थगित कर दिया गया है। शाम 6 बजे विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक यह निर्णय लिया गया। सत्र 28 दिसंबर से प्रस्तावित था। यह 30 दिसंबर तक चलना था। दो दिन में विधानसभा के 61 कर्मचारी और 5 विधायक कोरोना पॉजिटिव आए थे। सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की जांच कराई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।
विधानसभा स्थगित होने के निर्णय के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नियम के अनुसार जैसा सदन चल सकता है, वैसा चलाएं, नहीं चल सकता है, न चलाएं। हमने सुझाव दिया है कि समितियां बनाइए, उसमें सदस्य हों और मंत्रियों के साथ बैठक हो, जिसमें प्रश्नों के जवाब दिए जाएं। एक नई परंपरा की शुरुआत की जाए, ताकि हमारी आवाज भी सुनी जाए। हमारी आवाज को दबाने या कुचलने की कोशिश न की जाए।
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसा नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि विधायकों की समिति बनाई गई है। उसके साथ बैठक करके आगे निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल, सत्र को स्थगित कर दिया गया है।
इससे पहले सुबह मीडिया से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि यह वही कांग्रेस है, जिनके समय सज्जन सिंह वर्मा ने 1 दिन में विधानसभा सत्र खत्म कर दिया था, जिसे बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था। ऐसे में जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। सत्र होगा या नहीं होगा यह तो निर्णय हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस तो सवाल करने का भी हक नहीं है। अब तक विधानसभा के 61 कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके थे।
सर्वदलीय बैठक भी नहीं बुलाई है
सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्र बुलाने के पहले सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाती है। इसमें सरकार समेत सभी दलों के प्रमुख नेता उपस्थित होते हैं, जो विधानसभा सत्र के द्वारा रखे जाने वाले विधायक और अन्य बातों पर सहमति जाहिर करते हैं। इसके बाद सत्र बुलाया जाता है। 28 दिसंबर से विधानसभा सत्र प्रस्तावित है, लेकिन अब तक सर्वदलीय बैठक नहीं हो सकी है। यह पहले शनिवार दोपहर होनी थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया।
प्रोटेम स्पीकर ने विधानसभा का निरीक्षण किया
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सत्र के पूर्व विधानसभा का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल का पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा। सभी को कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया था।
फिर से अटक गया बिल
मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इसमें आरोपी को 10 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक जुर्माना करना है। इसे 28 दिसंबर को होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन विधानसभा सत्र नहीं होने पर फिर बिल अटक गया है।