मप्र के शीतकालीन सत्र से दो दिन पहले आई रिपोर्ट में विधानसभा के 77 में से 34 कर्मचारी कोरोना संक्रमित निकले हैं। पहले इनका रैपिड एंटीजन टेस्ट हुआ, इसके बाद आरटीपीसीआर भी कराई गई। शुक्रवार को भी 55 लोगों का और टेस्ट हुआ है, जिनकी रिपोर्ट शनिवार को आनी है।
सत्र पहले हुए इस कोरोना विस्फोट से विधानसभा सकते में है। शीतकालीन सत्र को देखते हुए सभी कर्मचारियों का टेस्ट कराया गया था। इसमें काफी संख्या विधायक विश्राम गृह के कर्मचारियों की भी है जहां विधायक या उनके साथ आने वाला स्टाफ रुकता है।
अब विधानसभा इनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कराएगी। ये सभी कर्मचारी लगातार काम पर आ रहे थे। इनमें कुछ को सामान्य सर्दी-खांसी और कुछ को तो कोई भी लक्षण नहीं थे। अब जिला प्रशासन शनिवार को संक्रमित क्षेत्र को कंटेनमेंट घोषित कर सकता है। दोपहर दो बजे सर्वदलीय बैठक विधानसभा में बुलाई गई है।
इसमें तय होगा कि अब शीतकालीन सत्र का फैसला लिया जाए या नहीं। इसे एक दिन का भी किए जाने की संभावना अब बढ़ गई है। यदि सत्र चलता है तो उसका प्रोटोकॉल क्या होगा और सभी दलों से कितने विधायकों को बुलाया जाए, इस पर भी चर्चा हो सकती है।
एक खतरा यह भी... विधानसभा में 51 विधायक 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं
कोरोना काल में अभी तक 47 विधायक संक्रमित हो चुके हैं। इनमें मुख्यमंत्री और एक दर्जन मंत्रियों के साथ विधायक भी शामिल हैं। एक विधायक गोवर्धन दांगी और पूर्व विधायक कल्याण सिंह की मौत हो चुकी है। इस समय विधानसभा सदस्यों में 51 विधायक 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
विधानसभा भी तैयार
कोविड टेस्ट के बिना सत्र में एंट्री नहीं विधानसभा ने अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली है। विधायकों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है कि वे 25 दिसंबर को कोविड टेस्ट कराया हुआ प्रमाण-पत्र लाएंगे। उनके साथ यदि स्टाफ है तो उसका भी टेस्ट जरूरी होगा। विधानसभा में भी जांच की व्यवस्था की गई है। टेस्ट के बिना सत्र में एंट्री नहीं होगी।
संवैधानिक बाध्यता... शिवराज सरकार में एक ही दिन हुआ सत्र
शिवराज सिंह सरकार में अभी तक एक ही दिन का सत्र हो पाया है। पिछली बार भी संवैधानिक बाध्यता को वजह बताया गया था। अब चूंकि 200 लोगों के साथ शादी व राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, तो सत्र संभावना भी बढ़ी हैं। नए सत्र में लोक महत्व से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा संभावित है।
सतर्कता जरूरी...संसद के साथ 10 राज्यों में निरस्त हो चुका है सत्र
इस समय संसद के साथ 10 राज्यों ने शीतकालीन सत्र को निरस्त कर दिया है। गोवा ने 25 जनवरी के बाद सत्र प्रस्तावित किया है। सत्र निरस्त करने वाले राज्यों में राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और मेघालय शामिल हैं।
ट्रैक्टर से विधानसभा नहीं जा पाएंगे कमलनाथ, प्रतिबंध
पूर्व मुख्यमत्री कमलनाथ सहित कांग्रेस के विधायक अब ट्रैक्टर से विधानसभा नहीं जा पाएंगे। भोपाल कलेक्टर ने विधानसभा की पांच किमी की परिधि में ट्रैक्टर सहित भारी वाहन, ट्रक, डंपर और धीमी गति से चलने वाले तांगा, बैलगाड़ी आदि के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। 28 से 30 दिसंबर तक होने वाले सत्र के मद्देनजर विधानसभा परिसर के आसपास धारा 144 लगाने के 21 दिसंबर के आदेश में यह संशोधन किया गया है।
कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस ने 28 दिसंबर को विधानसभा के घेराव की घोषणा की है। इस दिन कमलनाथ सहित सभी विधायकों की ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचने की योजना है। 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस है। उसने प्रदेश भर के किसानों को भोपाल बुलाने की तैयारी की है। कांग्रेस विधायक ट्रैक्टर से विधानसभा न पहुंच पाएं, इसलिए आदेश में संशोधन किया गया है। कांग्रेसी रणनीति बदलकर बैलगाड़ी से भी पहुंच सकते थे, इसलिए उस पर भी प्रतिबंध लगाया गया।