भोपाल। सर्दी के सीजन में मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज फिलहाल गर्म ही है। उत्तर भारत में प्रकोप दिखा रही ठंड के तेवर यहां अभी नरम बने हुए हैं, हालांकि साल के आखिरी दिनाें में तेज ठंड पड़ने के आसार हैं। माैसम वैज्ञानिकाें का कहना है कि इस साल की विदाई शीतलहर से हाेने के आसार हैं। मिल रहे ट्रेंड के अनुसार 30 और 31 दिसंबर काे ठंड बढ़ सकती है। इसकी वजह यह है कि उत्तर भारत में हुई बर्फबारी का असर 29 दिसंबर से हाे सकता है। इसके कारण रात में ठंड और बढ़ सकती है।
माैसम वैज्ञानिक एवं ड्यूटी ऑफिसर एचएस पांडे कहते हैं उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 8 सालाें में आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर काे कभी भी शीतलहर नहीं चली। रिकॉर्ड के मुताबिक हालांकि 10 सालाें में दिसंबर के आखिरी दिनाें में तेज ठंड का ट्रेंड जरूर रहा है। भाेपाल के क्लाइमैटिक फीचर्स के लिहाज से दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ठंड बढ़ती है और आखिरी हफ्ते तक ठंड तेज हो जाती है।
ये दाे अन्य कारण भी
- हमारे यहां ठंड के लिए जरूरी फैक्टर वेस्टर्न डिस्टरबेंस की फ्रिक्वेंसी इस बार अधिक है।
- शाम को हवा का रुख दक्षिण पूर्वी से बदलकर उत्तर पूर्वी हाेने का ट्रेंड बना हुआ है।
रात का तापमान 10.4 डिग्री, 9 दिन बाद हुआ सामान्य
शुक्रवार काे रात का तापमान 10.4 डिग्री दर्ज किया गया। ऐसा 9 दिन बाद हुआ, जब रात का तापमान सामान्य रहा। इससे पहले 17 दिसंबर काे रात का तापमान सामान्य स्थिति में 10.6 डिग्री रहा था। दिन में 18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। धूप निकलने के बावजूद तपिश नहीं थी। दिन का तापमान 25.6 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 1.3 डिग्री की गिरावट हुई।
शीतलहर के तय मापदंड
माैसम वैज्ञानिक पीके साहा के मुताबिक मैदानी इलाकाें में रात का तापमान 10 डिग्री से कम हाेना चाहिए और वह सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री तक कम हाे ताे शीतलहर चलना माना जाता है।