भोपालः कोरोना महामारी के चलते 9 महीने बंद रहने के बाद मध्य प्रदेश में बीते 18 दिसंबर को फिर से खुले हैं. ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक स्कूलों को मिलने वाला शीतकालीन अवकाश (Winter Vacation) इस वर्ष नहीं दिया जाएगा. इस संबंध में निर्देश जारी कर तत्काल प्रभाव से विंटर वेकेशन को निरस्त कर दिया गया है.
बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के लिए समय कम, इसलिए यह निर्णय लिया गया
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच शिक्षकों ने लंबी छुट्टी ली है. अब छात्रों की परीक्षाएं प्रमुख हैं. छात्रों को शिक्षकों से सीधे संवाद करने की जरूरत है, ऐसे में शीतकालीन अवकाश निरस्त किया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 से नियमित कक्षाएं बंद रहने के कारण बोर्ड एवं स्थानीय परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को शिक्षकों से सीधे संवाद के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध हो सके इसको देखते हुए राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है.
'कोरोना काल में बहुत छुट्टी हो चुकी है, अब यह समय काम करने का है''
मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि छात्रों की परीक्षाएं नजदीक हैं. बीते 9 महीने से स्कूल बंद रहे हैं. छात्रों को अब पढ़ने की जरूरत है, जिससे 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में वे बेहतर कर सकें. छात्र अच्छा रिजल्ट दे सकें इसके लिए शिक्षकों को स्कूलों में होना जरूरी है. जनवरी माह से स्कूल पूरी तरह खुलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ’’मुझे नहीं लगता है इसमें किसी को आपत्ति होनी चाहिए. क्योंकि कोरोना के बीच सभी ने लंबी छुट्टी ली है अब यह समय काम करने का है.’’
एमपी बोर्ड के पोर्टल में गड़बड़ी नहीं, स्कूल संचालक कर रहे लापरवाही
एमपी बोर्ड के पोर्टल में गड़बड़ी को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कोई गड़बड़ी नहीं है. कई सारी अन्य समस्याएं हैं जिनके कारण छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए. जो छात्र दूर गांव में रहते हैं उनके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना मुश्किल था. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने परीक्षा फॉर्म की तारीख आगे बढ़ा दी है. मंत्री ने कहा कि 3 लाख छात्र परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित हैं, इसके लिए कहीं ना कहीं स्कूल संचालक जिम्मेदार हैं.