विधानसभा के नए विधायक विश्राम गृह (एमएलए रेस्ट हाउस) बनने का रास्ता साफ हो गया है। विधानसभा की उच्च स्तरीय कमेटी ने पुराने परिसर वाले रेस्ट हाउस को तोड़कर 102 फ्लैट वाले 123 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
राज्य शासन से बजट जारी होते ही नए साल में काम शुरू हो जाएगा। एमएलए रेस्ट हाउस पहले अरेरा पहाड़ी पर बनाने की मनमानी के चलते 4 हजार पेड़ काटने की तैयारी हो चुकी थी, जो अब बच जाएंगे। प्रोजेक्ट में 2200 नए पेड़ों को लगाने के साथ ही राज्य शासन की 22 एकड़ जमीन और 12 करोड़ रुपए बचेंगे।
4 हजार पेड़ बच जाएंगे, 2200 नए लगेंगे विधानसभा रेस्ट हाउस को पहले अरेरा पहाड़ी पर बनाने की मंजूरी हुई थी। इसकी लागत 135 करोड़ रुपए आना थी। प्रोजेक्ट में कुल 22 एकड़ जमीन पर 4 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाने थे।
पुराने रेस्ट हाउस में करोड़ों का मेंटेनेंस
- पुराने एमएलए रेस्ट हाउस के मेंटनेंस पर सालाना 8 से 9 करोड़ खर्च होते है।
- रेस्ट हाउस में मुश्किल से दो कमरे है। विधायक होटलों में रूकने को मजबूर है।
- रेस्ट हाउस नहीं होने से 40 से ज्यादा सरकारी आवास खाली हो जाएंगे।
नए रेस्ट हाउस में क्या होगा
- नए एमएलए रेस्ट हाउस में 5 साल में एक बार रंगरोगन होगा।
- सोलर प्लांट लगने से सौर उर्जा से ही रोशनी रहेगी।
- रेस्ट हाउस का मेंटनेंस 5 साल तक निर्माण करने वाली कंपनी करेगी। 40 करोड़ रुपए बचेंगे।
- विधायकों को रेस्ट हाउस में मनमाने काम कराने की मंजूरी नहीं होगी।
अब तक क्या हुआ
- एमएलए रेस्ट हाउस के लिए वर्ष 2014 में योजना बनी थी। अरेरा जेल पहाड़ी की जमीन चिन्हित की गई थी।
- अरेरा पहाड़ी की 22 एकड़ जमीन पर 30 अप्रैल 2015 को 127 करोड़ की प्रशासकीय मंजूरी दी गयी।
- एप्को ने सर्वे के बाद 135 करोड़ का प्रोजेक्ट बताया। इसके बाद से पेड़ों की कटाई से प्रोजेक्ट अटक गया।
- प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की मौजूदगी में विधानसभा की उच्च स्तरीय बैठक में एमएलए रेस्ट हाउस को पुराने परिसर में बनाने की मंजूरी दी गई है।