भोपाल। पेट दर्द के बाद डायरिया और यदि एक दिन बुखार है तो आपको कोरोना का खतरा हो सकता है। शहर की 47 फीवर क्लीनिक पर रोजाना ऐसे 90 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। जब ऐसे लक्षण वाले मरीजों का कोरोना टेस्ट किया गया तो ज्यादातर की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। डॉक्टरों की सलाह है कि डायरिया को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। समय पर इलाज कराएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें।
कोविड में सर्दी-जुकाम और बुखार आम लक्षण हैं। कई बार संक्रमित के संपर्क में आने के बाद भी लोग जांच कराने नहीं पहुंचते हैं। वायरस के इंफेक्शन से दूसरी दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं। यही कारण है कि लोगों को दस्त और बुखार होने लगता है। इसलिए थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
हमीदिया अस्पताल में कोविड यूनिट के इंजार्च डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि ऐसे केसों की संख्या पिछले 15 दिनों में लगातार बढ़ रही है। लोग पेट दर्द, डायरिया और बुखार होने की शिकायत लेकर आते हैं। जांच कराने पर ज्यादातर को कोरोना होने की पुष्टि होती है।
करोंद: पेट दर्द के बाद आया एक दिन बुखार, रिपोर्ट पॉजिटिव
हाउसिंग बोर्ड निवासी रामकली बाई(45) की 4 दिसंबर को तबीयत खराब हुई थी। दो दिन तक पेट में दर्द भी रहा। दवाएं खाने पर दस्त भी लगे। एक दिन बुखार भी आया। जांच कराई तो कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें हमीदिया में भर्ती किया गया।
कोलार: रिश्तेदार के यहां से शादी से लौटे और तबीयत खराब
बंजारी डी- सेक्टर निवासी राजेंद्र अहिरवार उम्र 50 साल। प्राइवेट नौकरी करते हैं। कुछ दिन पहले पहले वो शादी समारोह में अपने रिश्तेदार के यहां गए थे। वहां से लौटे तो बुखार के साथ दस्त लगे। जांच कराने पर उनको कोरोना होने की पुष्टि हुई।
ज्यादातर लोग लक्षण देखकर खुद ही दवाई ले लेते हैं, यह गलत है
हमीदिया अस्पताल के फीवर क्लीनिक इंचार्ज डॉ. यशवीर जेके ने बताया कि ज्यादातर लोग फीवर क्लीनिक में ऐसे आते हैं, जो शुरू में सर्दी-जुकाम और बुखार होने पर खुद घर में दवाएं लेकर इलाज करने लगते हैं और समय पर जांच कराने के लिए नहीं आते हैं। जब तकलीफ बढ़ जाती है, तब यहां पर आते हैं। जांच कराने पर कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है।
जरूरी नहीं है कि लोगों को सिर्फ सर्दी-खांसी और बुखार ही हो
डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि जरूरी नहीं है कि कोरोना के हर केस में लक्षण सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार ही हो। जिस भी व्यक्ति को यदि एक दिन भी बुखार है, तो उसकी जांच कराई जा रही है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंफेक्शन होने के बाद समय पर इलाज दिया जा सके।
लोगों को ये भी सलाह दी जा रही है कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने के बाद तत्काल जांच कराएं। सांस फूलने का इंतजार न करें। हर केस में कोरोना होने के 5 से 10 दिन के भीतर व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। ऐसा होने पर व्यक्ति को बचाना मुश्किल होता है। इसलिए समय पर लक्षणों को देखकर जांच कराएं, ताकि इलाज भी समय पर हो सके।
123 नए मरीज और मिले, शहर में अभी 2 हजार 129 एक्टिव पेशेंट
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को 123 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। जबकि दो मरीजों की मौत हुई है। शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 39 हजार 183 से बढ़कर 39 हजार 306 हो गई है। जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 34 हजार 396 से बढ़कर 34 हजार 718 हो गई है। रिकवरी रेट 88.32 फीसदी हो गया है। शहर में अभी 2129 एक्टिव पेशेंट हैं। इनमें कोलार में सबसे ज्यादा 237 और शाहपुरा में 197 एक्टिव पेशेंट हैं।
इलाज दूसरी बीमारी का कराने जाते हैं, लेकिन कोरोना पहले से होता है
कई मामलों में लोग पेट दर्द, डायरिया होने पर इलाज कराने के लिए जाते हैं। लेकिन असल में उनको कोरोना हो चुका होता है। यदि किसी को शंका है कि उसको कोरोना हो सकता है, वो तत्काल जांच कराएं। अब हर व्यक्ति की जांच हो रही है।