विदिशा। 50 दिन की मशक्कत के बाद हरियाणा की महावीर बिल्डिंग लिफ्टिंग सर्विस कंपनी ने सिरोंज के मंडी बायपास रोड पर स्थित प्यारे मियां के तीन मंजिला मकान को 3.5 फीट ऊंचा उठा दिया। खुदाई के बाद ये बिल्डिंग 1 महीने तक 300 जैक के सहारे ही खड़ी थी। एजेंसी ने पहले मकान को 3 इंच आगे सरकाया और फिर 3.5 फीट ऊंचा उठा दिया। 1300 स्क्वायर फीट में फैले 3 मंजिला मकान को ऊंचा उठाने के लिए 18 कर्मचारी जुटे हुए थे। दरअसल, मंडी बायपास रोड पर हाल ही में एनएच सड़क का निर्माण हुआ है। इसमें इमलानी रोड तिराहे पर रहने वाले प्यारे मियां देहरी वालों का 20 साल पहले पिताजी के बनवाया मकान भी सड़क सेे नीचे आ गया था।
अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में जैक लगाना शुरू किया गया
अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में एजेंसी ने मकान का लेवल लेकर जैक लगाना शुरू किया था। कर्मचारियों ने जब जैक को घुमाना शुरू किया तो पड़ोसी के सटे हुए मकान की दीवार से दिक्कत आई। ऐसे में प्यारे मियां के मकान को पहले 3 इंच आगे सरकाना पड़ा। इसके बाद ऊंचा उठाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
एक जैक 80 टन वजन उठाने की क्षमता वाला
महावीर लिफ्टिंग सर्विस के संचालक महावीर सिंह ने बताया कि हमारा पैतृक काम है। उपयोग होने वाले जैक हम खुद बनवाते हैं। एक जैक 80 टन वजन उठाने की क्षमता रखता है।
एक आवाज पर कर्मचारी एक साथ घुमाते हैं सब्बल
कंपनी के कर्मचारी मकान के बीम से सट कर लगाए गए जैक को नंबरों के आधार पर एक साथ घुमा कर इसकी ऊंचाई बढ़ाते हैं। ये नंबर मकान के बाहर खड़े कर्मचारी उन्हें आवाज लगा कर बताते हैं।
हर दिन 8 इंच से 1 फीट तक उठाया, फिर उसी हिस्से की चुनाई की गई
महावीर सिंह ने बताया कि मकान के बेस की खुदाई करने के बाद बीम के नीचे जैक लगाए गए। इन सभी जैक को कर्मचारियों द्वारा नंबरों के आधार पर सब्बल के माध्यम से घुमा कर उठाया गया। एजेंसी द्वारा 1 दिन में 8 इंच से 1 फीट तक मकान को उठाया गया। इसके बाद अगले दिन इन जैक को बारी-बारी से हटाकर खाली हिस्से की ईंट और सीमेंट से चुनाई की गई। दो दिन के अंतराल के बाद इस चुनाई के ऊपर ही जैक को कसा गया। इस तरह 3 से 4 दिन के अंतराल में 1 फ़ीट ऊंचाई बढ़ाई गई।
मकान 3.5 फीट ऊंचा उठाने में 8 लाख रुपए खर्च: प्यारे मियां के पिता ने बताया कि सब उम्मीद के मुताबिक हुआ। दीवाली के बाद से घर पर कोई रुका नहीं है। एजेंसी को 5.5 लाख रुपए दिए हैं। अब फर्श और अन्य काम में भी करीब ढाई लाख रुपए खर्च हुए हैं।
प्रदेश में 5वां काम: संचालक सिंह ने बताया कि हम 20 साल में हमने ग्वालियर और मुरैना के अलावा मप्र में यह हमारा 5वां काम है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उप्र और केरल में काम कर चुके हैं। काम शुरू करने से पहले हम एग्रीमेंट भी भरते हैं।