जबलपुर। ब्लाइंड बच्चों पर उपन्यास तैयार कराने का झांसा देकर जबलपुर बुक पब्लिकेशन नाम की एक कंपनी ने ढाई करोड़ रुपए ठग लिए। कंपनी में निवेश करने वालों की संख्या 10 हजार से अधिक है। कंपनी ढाई हजार रुपए के एवज में लोगों को 100 पेज ब्रेन लिपि में लिखने के लिए जरूरी किट देती थी। हर पेज पर नौ लाइन में लिखना था। 15 दिन में जमा करने पर कंपनी चार हजार रुपए देने का आश्वासन देती थी।
यहीं नहीं दूसरे को भी सदस्य बनाने के एवज में 500 रुपए कमीशन देती थी। सोमवार रात को अचानक खबर फैली की कंपनी भग गई। इस सूचना के बाद कंपनी कार्यालय पर आठ से दस हजार लोग जमा हो गए। लोगों को हटाने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। भगदड़ में एक युवती तक घायल हो गई।
कार्यालय के सामने जमा हुए लोग
जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र में उखरी तिराहे पर जबलपुर पब्लिकेशन नाम से बुक डिपो को कार्यालय है। पंजाब बैंक कॉलोनी निवासी पीड़ित दीपा सोनी ने बताया कि उसने 12 दिन पहले ही कंपनी ज्वाइन किया था। उसे बताया गया कि कंपनी ब्लाइंड बच्चों के लिए उपन्यास लिख रही है। इसके लिए कंपनी ने 100 पेज और जरूरी किट दिए थे। इसके एवज में 2500 रुपए जमा कराए थे। मेरा ज्वाइनिंग नंबर 1820 था। 15 दिन में इसे जमा करने पर 4000 रुपए देने की बात कही थी।
शिवनगर कॉलोनी निवासी जयवर्धन जैन, हेमा चेलानी, सौम्या ने बताया कि कंपनी ने अपने साथ अन्य लोगों को जोड़ने पर 500 रुपए का कमीशन भी देता था। अधारताल अम्बेडकर कॉलोनी निवासी नीलम कोल ने बताया कि उसके सामने ही कंपनी की ओर से चार हजार रुपए दिए गए थे। इस कारण वह भी कंपनी के झांसे में फंस गई।
कार्यालय में लगा रखा है बोर्ड
कंपनी का संचालक कुमार शानू
कोतवाली पुलिस के मुताबिक कंपनी का संचालक कुमार शानू है। पुलिस का दावा है कि उसकी शानू से बात हो गई है। वह सतना में है और जबलपुर लौट रहा है। अब तक की जांच में सामने आया है कि वह लोगों से ढाई हजार रुपए जमा कराने के बाद 100 पेज के साथ कुछ किट देता था। इस पेज पर लोगों को ब्रेन लिपि में लिख कर 15 दिनों में जमा करना होता था। यहीं नहीं अपने साथ दूसरे को जोड़ने पर 500 रुपए कमीशन भी मिलता था।
इस तरह का फार्म भरवाती थी कंपनी
दो महीने पहले बांटे थे पर्चे
अब तक पुलिस छानबीन में सामने आया कि जलपुर बुक पब्लिकेशन ने दो महीने पहले पूरे शहर में पर्चे बंटवाए थे। उसमें लोगों को घर बैठे चार से पांच हजार रुपए कमाने का झांसा दिया गया था। उसने अखबारों में एड भी निकलवाए थे। शुरूआत में उसने लोगों को 4000 रुपए और 500 रुपए कमीशन दिए। इसके चलते थोड़ ही दिनों में उससे जुड़ने वालों की संख्या 10 हजार को भी पार कर गई।
भगदड़ में एक युवती हो गई घायल
पुलिस को चलानी पड़ी लाठी
सोमवार रात आठ बजे के लगभग तेजी से ये अफवाह फैली की कंपनी फ्रॉड है। इसके बाद वहां एक घंटे के अंदर ही आठ से नौ हजार लोग जमा हो गए। इसमें महिलाएं, पुरुष, युवती सभी शामिल थे। अचानक भीड़ जमा होने पर पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए। माइक से लोगों को कोरोना का हवाला देकर हटाने की कोशिश की गई। इसके बावजूद लोग नहीं हटे तो पुलिस ने लाठी चलाई। पुलिस की ज्यादती से लोग भड़क गए और पुलिस पर पत्थर फेंकने लगे। भगदड़ में एक युवती घायल हो गई। उसे तुरंत निजी अस्पताल भिजवाया गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर लोगों को शांत कराने पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब लोग हटे।
जांच के बाद चलेगा पता की कंपनी फ्रॉड है या असली
उखरी तिराहे पर ब्रेन लिपि में पुस्तक या उपन्यास लिखवाने के नाम पर जबलपुर पब्लिकेशन नाम की कंपनी ने ढाई-ढाई हजार रुपए लोगों से जमा कराए हैं। वह 100 पेज लिखकर जमा करने पर चार हजार रुपए देने वाला था। कंपनी के भागने और फ्रॉड की सूचना पर बड़ी संख्या में पीड़ित जमा हो गए। मौके पर एएसपी सिटी अमित कुमार सीएसपी कोतवाली सहित आसपास के पुलिस थानों को भेजा गया था। कंपनी के दो लोग मिले। कुछ के पैसे वापस भी दिलाए गए। जांच की जा रही है। यदि जांच में फ्रॉड मिला तो एफआईआर कराएंगे।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी, जबलपुर