व्यापारी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया, किसान से धान खरीदकर न समय पर भुगतान किया न कोई रसीद दी थी

Posted By: Himmat Jaithwar
12/15/2020

जबलपुर। केंद्र सरकार के नए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्यिक अधिनियम 2020 के तहत प्रदेश की पहली कार्रवाई जबलपुर में हुई। पाटन एसडीएम ने मंडी के लाइसेंसधारी व्यापारी फर्म को किसानों का भुगतान नहीं करने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। व्यापारी ने किसानों को उसकी उपज खरीदी की रसीद भी नहीं दी थी। व्यापारी के यहां 3400 बोरी धान मिली। जिसे जब्त कर उसकी सुपुर्दगी में इस निर्देश के साथ सौंपा गया कि वह खरीदी अवधि में प्रदेश के अंदर नहीं बेचेगा।

23 नवंबर को किया था निरीक्षण

कृषि उपज मंडी समिति पाटन के सचिव सुनील पांडेय के मुताबिक केंद्र सरकार के नए कृषि कानून लागू होने के बाद से व्यापारी मंडी परिसर के बाहर मंडी टैक्स नहीं लगने के कारण सीधे किसानों से धानी की खरीदी कर भंडारण कर रहे हैं। व्यापारियों की मंशा इस धान को खरीदी केंद्रों में खपाने की है। पाटन एसडीएम आशीष पांडे ने 23 नवंबर को निरीक्षण दल के साथ शारदा वेयर हाउस पाटन में जांच की थी। इसके बाद ये जुर्माना लगाया गया।

जांच में ये मिला था

एसडीएम पांडे के मुताबिक निरीक्षण में मंडी के लाइसेंसधारी व्यापारी फर्म शिवशक्ति ट्रेडर्स के यहां 3400 बोरी धान मिली। फर्म संचालक से धान खरीदी और किसानों के भुगतान संबंधी दस्तावेज मांगे गए पर वह नहीं दिखा पाया। सदस्य सचिव कृषि उपज मंडी समिति पाटन सुनील पांडे को उन्होंने किसानों के भुगतान और निरीक्षण रिपोर्ट मांगी। सचिव ने 24 घंटे के अंदर किसानों के खाते में शिवशक्ति ट्रेडर्स से 22 लाख 46 हजार 800 रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमा कराए।

यह है नियम

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्यिक संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम 2020 की धारा 4 की उपधारा 3 के मुताबिक हर व्यापारी जो किसानों के साथ कृषि उपज का लेन-देन करता है। उसे किसानों को उसी दिन या अधिकतम तीन दिन में भुगतान करना होगा। इसके अलावा उसे किसानों से हर खरीदी-बिक्री की रसीद देनी होगी।

किसानों को न रसीद दी, न भुगतान किया

एसडीएम आशीष पांडे के मुताबिक जांच में फर्म शिवशक्ति ट्रेडर्स ने किसानों का भुगतान उसी दिन नहीं किया और न ही किसी को रसीद भी दी। कानून के तहत फर्म पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही जब्त धान उसकी सुपुर्दगी में दिया। फर्म को हिदायत दी गई है कि वह इस धान को खरीदी अवधि में प्रदेश के अंदर नहीं बेच सकेगा।



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