भोपाल: हमीदिया पावर कट केस में भोपाल संभाग के कमिश्नर कवींद्र कियावत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में कांग्रेस के पूर्व पार्षद अकबर खान समेत तीन मरीजों की मौत के मामले में हमीदिया अस्पताल प्रबंधन को क्लीन चिट दी है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमीदिया अस्पताल के कोरोना वार्ड में बिजली आपूर्ति बाधित होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर कवींद्र कियावत को एक दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. कोरोना वार्ड में पावर कट से नहीं हुई 3 मरीजों की मौत कमिश्नर ने अपनी जांच में पाया कि अकबर खान और अन्य दो कोरोना मरीजों की मौत बिजली कनेक्शन बाधित होने के चलते मशीनों के बंद होने से नहीं हुई. बिजली जाने के बाद भी वेंटिलेटर सिस्टम सुचारू रूप से चालू था. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व पार्षद और अन्य दो कोरोना संक्रमित मरीज अति गंभीर थे. वायरस ने ही तीनों की जान ली. रिपोर्ट में लिखा गया है कि पावर कट होने और कोरोना मरीजों की मृत्यु के बीच कहीं कोई संबंध नहीं मिला है. इस मामले में अलग-अलग विभागों के HOD से कराई जांच में उन्होंने भी यही तथ्य दिए कि लाइट जाने से मरीजो की मौत नहीं हुई. क्या है हमीदिया अस्पताल में पावर कट का पूरा मामला? हमीदिया अस्पताल के कोरोना वार्ड में शुक्रवार शाम 5:58 बजे बिजली गुल हो गई. ऐसे में इमरजेंसी बैकअप का सहारा लिया गया. जनरेटर चालू हुआ लेकिन 10 मिनट में बैकअप सप्लाई भी बंद हो गई. क्योंकि जनरेटर में डीजल नहीं था. डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक कोरोना वार्डों की बिजली ठप रही. इससे वार्ड में भर्ती मरीजों की मशीनें बंद हो गई थीं. हाईफ्लो सपोर्ट पर चल रहे तीन मरीजों की हालत बिगड़ गई. इसमें कांग्रेस के पूर्व पार्षद अकबर खान भी शामिल थे. उनकी रात 10:40 बजे मौत हो गई थी. साथ ही दो अन्य मरीजों ने भी दम तोड़ दिया था. इस मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अस्पताल के डीन को नोटिस भेजा था और पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया था.