वेंटीलेटर में ढ़ाई घंटे का बैक-अप था, बिजली गुल होने से नहीं हुई कोरोना पेशेंट की मौत

Posted By: Himmat Jaithwar
12/13/2020

भोपाल। हमीदिया अस्पताल में बिजली गुल होने के मामले को भोपाल के डिवीजनल कमिश्नर कवींद्र कियावत ने देर शाम सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जिसमें कहा गया है कि बिजली गुल होने से कोरोना मरीजों की मौत नहीं हुई है। क्योंकि जांच में पाया गया है कि जब बिजली गुल हुई थी, उस अवधि में आईसीयू में वेंटीलेटर में ढ़ाई घंटे का बैक-अप थ।

इसमें अस्पताल के वायो-मेडिकल इंजीनियर सहित डयूटी पर तैनात डाक्टर के बयान का हवाला दिया गया है। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में डेढ घंटे तक बिजली गुल रही। इस दौरान डीसी (डीजल जनरेटर) चालू नहीं हो पाया था। इसके लिए पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर राकेश बर्वे को निलंबित किया जा चुका है। जबकि असिस्टेंट इंजीनियर जतिन अहिरवार को शोकॉज नोटिस दिया है। इस संबंध में कमिश्नर कियावत ने बताया कि जनरेटर मेंटनेंस करने वाले ठेकेदार फईम के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पीडब्ल्यूडी को सिफारिश की गई है।

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया था। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह भोपाल के डिविजनल कमिश्नर कवींद्र कियावत को शाम तक जांच कर इसकी रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए थे। कियावत ने छह पेज की जांच रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को सौंप दी है। इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और बड़ी लापरवाही है। हमीदिया अस्पताल में सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर लाइट गई, वहां बैकअप के इंतज़ाम है। मेंटेनेंस के भी निर्देश दिए गए थे, लेकिन जनरेटर 10 मिनट बाद बंद हो गया था। तत्काल प्रभाव से पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है, डीन को नोटिस दिया गया है।

जांच रिपोर्ट में कहा-

कोरोना पेशेंट अकबर खान को 3 दिसंबर को निजी अस्पताल से हमीदिया में लाकर भर्ती कराया गया था। 9 दिसंबर को उसकी स्थिति नाजुक होने पर आईसीयू में वेँटीलेटर पर रखा गया था। 11 दिसंबर रात 10:40 बजे उसकी मौत हो गई। उसकी मौत का बिजली गुल होने से कोई संबंध नहीं है।

70 वर्षीय अब्दुल रहीम को 30 नंवबर को चिंताजनक हालत में भर्ती कराया गया था। उन्हें डॉयबिटीज थी। इस बीच उन्हें निमोनिया भी हो गया था। उनकी मौत 12 दिसंबर को रात 1:45 बजे हुई थी। उनकी मौत निमोनिया से हुई, ना कि बिजली बंद हाेने के कारण।

84 वर्षीय बाबूलाल मालवीय को 8 दिसंबर को कोरोना पॉजिटिव आन के कारण निजी अस्पताल से हमीदिया लाकर भर्ती कराया गया था। 12 दिसंबर को उनकी हालत ज्यादा नाजुक हो गई थी। उन्हें एमपी (मैकनिकल वेंटीलेटर) पर रखा गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।



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