इंदौर। कोरोना संक्रमितों की बुधवार को जांच करने टाटपट्टी बाखल पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव करने वाले मुख्य आरोपी समेत 4 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर 10 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। मामले में कलेक्टर ने सख्त एक्शन लेने की बात कही। कलेक्टर ने कहा- मेडिकल टीम से बदसलूकी करने वालों पर ऐसी कार्रवाई की जा रही है कि आगे से कोई ऐसा करने से पहले सोचेगा। वे लंबे वक्त तक जेल में रहेंगे।
पहले भर्ती हुए 20 संक्रमित स्वस्थ, रिपोर्ट आते ही घर भेज देंगे
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि हम आप सबके लिए काम कर रहे हैं। हमने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए पांच कंपनियों का सुरक्षा बल मांगा है। हमारा मेडिकल स्टाफ 18 से 20 घंटे काम कर रहा है। इस तरह की हरकत यदि मेडिकल टीम के साथ होगी तो यह बहुत ही गलत बात है। ये (आरोपी) जल्दी छूटने वाले नहीं हैं।
कलेक्टर ने कहा कि उस क्षेत्र में हमारी एक आशा कार्यकर्ता बहुत ही मेहनत से काम कर रही है, उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा। यदि ऐसे लोगों के साथ बदसलूकी होगी तो वह क्षमा योग्य नहीं है। कलेक्टर ने लोगों से कहा कि यदि आपके क्षेत्र में ऐसी कोई घटना होती है तो उन लोगों को ऐसी हरकत करने से रोकें, उन्हें समझाएं।
सिंह ने बताया कि गुरुवार को जो दो मौत हुई हैं, उनमें से माेती तबेला निवासी व्यक्ति बहुत देरी से अस्पताल पहुंचा। इतनी हालत गंभीर होने के बाद रिकवर करना मुश्किल होता है। लोग लक्षण दिखाई देने के साथ ही अस्पताल पहुंचे। हमारे पहले के 20 संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। इनकी निगेटिव रिपोर्ट आते ही घर भेज दिया जाएगा।
यह है मामला
छत्रीपुरा टीआई के अनुसार, घटना बुधवार दोपहर सवा बजे टाटपट्टी बाखल में हुई थी। सिलावटपुरा में एक कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार स्क्रीनिंग कर रही है। संदिग्धों की जांच की जा रही है। इसी दौरान यहां लोगों ने पथराव कर दिया था। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने पुलिस को बताया कि बुधवार को एक पॉजिटिव के कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी। वे उसे देखने के लिए वहां गए थे। टीम ने जैसे ही उसके बारे में पूछना शुरू किया तो सामने से आए कुछ उपद्रवियों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। टीम कुछ समझ पाती इसके पहले ही चेहरे पर रुमाल बांधकर कई लोग आ गए और चिल्लाते हुए पत्थर मारने लगे। इससे बचने के लिए महिलाएं और पुरुष स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर अपनी कारों की तरफ भागे। पता चला है कि उनके साथ एक तहसीलदार भी मौजूद थे। उपद्रवी पथराव करते हुए गली से मेन रोड की तरफ भागे। स्वास्थ्यकर्मी कार से सीधे थाने की तरफ भागे।