राणा कपूर को पेंटिंग बेचने का मामला, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से हो सकती है पूछताछ

Posted By: Himmat Jaithwar
3/10/2020

मिलिंद देवड़ा ने पहली बार 1 मई, 2010 को राणा कपूर को निर्देश दिया था। उन्होंने कपूर को कहा था कि वह 'मिसेज गांधी' को लिखें कि उन्हें राजीव गांधी का चित्र खरीदने की इच्छा है। देवड़ा बाद में भी कई टेक्स्ट मेसेज भेजकर कपूर पर दबाव बनाते रहे।

नई दिल्ली। यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के बयानों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। संभव है कि हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास का उनका कॉटेज भी अटैच कर लिया जाए। दरअसल, राणा ने ईडी के जांच अधिकारियों को बताया कि उन्हें प्रियंका गांधी से 2 करोड़ रुपये में एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।

कपूर ने मुंबई के ईडी ऑफिस में रविवार को दिए गए बयान में कहा कि दक्षिण मुंबई से कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने उन पर प्रियंका गांधी से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का चित्र 2 करोड़ रुपये में खरीदने का दबाव बनाया था। मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत किसी आरोपी से प्राप्त धन या उस धन से खरीदी गई संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। ऐसे में राणा कपूर से मिले 2 करोड़ रुपये से प्रियंका ने शिमला में जो कॉटेज खरीदा था, उसे ईडी अटैच कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि ईडी इस मामले में मिलिंद देवड़ा से भी पूछताछ कर सकती है।

कांग्रेस की दलील
कांग्रेस पार्टी कह चुकी है कि प्रियंका ने मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन की बनाई राजीव गांधी की पेंटिंग राणा कपूर को बेचा तो इसमें कोई बुराई नहीं है। पार्टी ने रविवार को कहा कि प्रियंका ने पेंटिंग से प्राप्त रकम का अपने इनकम टैक्स रिटर्न्स में भी जिक्र किया है। हालांकि, देवड़ा ने अपने ऊपर लगे आरोप पर कुछ भी नहीं कहा है।

कपूर के स्मार्टफोन से उजागर हुई डील
ईडी सूत्रों ने राणा कपूर के स्मार्टफोन से प्राप्त मेसेज और उनके बयान का हवाला देकर कहा कि कपूर ने मर्जी से पेंटिंग नहीं खरीदी होगी। कपूर ने ईमेल और देवड़ा के ब्लैक बेरी फोन से प्राप्त टेक्स्ट मेसेज को एक दशक तक सहेज कर रखा। ईडी सूत्रों ने इन्हीं ईमेल और मेसेज के हवाले से बताया कि देवड़ा ने ही ट्रांजैक्शन शुरू किया।

मिलिंद देवड़ा ने बनाया दबाव
देवड़ा ने पहली बार 1 मई, 2010 को राणा कपूर को निर्देश दिया था। उन्होंने कपूर को कहा था कि वह 'मिसेज गांधी' को लिखें कि उन्हें राजीव गांधी का चित्र खरीदने की इच्छा है। देवड़ा बाद में भी कई टेक्स्ट मेसेज भेजकर कपूर पर दबाव बनाते रहे।

देवड़ा ने लिया था सोनिया का भी नाम
देवड़ा ने 29 मई, 2010 को लिखा, 'राणा अंकल, मैंने 28 मई का आपका पत्र पाया और उसे पीजी (प्रियंका गांधी) के पास भेज दिया। उनके या उनके परिवार के साथ मीटिंग तो संभव नहीं है। फिर भी मैं प्रयास करूंगा और बाद में इसकी व्यवस्था करूंगा। उनकी मां (सोनिया गांधी) और वह (प्रियंका गांधी) अगले हफ्ते की शुरुआत में ही चेक चाहते हैं। उन्होंने मेरे पिताजी को भी यही बात कही है। उन्होंने (मिलिंद के पिता मुरली देवड़ा) ने भी आपसे (कपूर से) संपर्क साधने का असफल प्रयास किया। दुर्भाग्यवश, इसमें बहुत समय लग चुका है। क्या आप इस एसएमएस का जवाब दे सकते हैं और यह उन्हें (प्रियंका को) चेक देने की निश्चित तारीख बता सकते हैं क्योंकि मुझे अपने पिता और उन्हें (प्रियंका को) जल्दी इसकी जानकारी देनी है।'

कपूरे से चेक लेने की बेताबी
देवड़ा ने 2 जून, 2010 को भी कपूर को मेसेज किया। उन्होंने लिखा, 'राणा अंकल, कृपया बताएं कि मैं आपसे चेक कब ले सकता हूं? मैं उन्हें (प्रियंका और सोनिया गांधी को) पिछले कुछ हफ्तों से आश्वासन ही दे रहा हूं, लेकिन अब उनका धैर्य जवाब दे रहा है। कृपया मुझपर विश्वास कीजिए और अब देर मत कीजिए। धन्यवाद। मिलिंद।'

दे दिया 2 करोड़ का चेक
अगले दिन 3 जून, 2010 को कपूर ने एचएसबीसी बैंक के पर्सनल अकाउंट से प्रियंका के नाम 2 करोड़ रुपये का चेक जारी कर दिया। जांच में पता चला कि कपूर ने प्रियंका को दिए 2 करोड़ रुपये की रकम यस बैंक से रीइंबर्स करवा लिया। अधिकारियों के मुताबिक, यह धन शोधन रोकथाम कानून (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट) के तहत आपराधिक लेनदेन है।

चेक मिला तो प्रियंका ने दिया जवाब
बहरहाल, प्रियंका गांधी ने भी अगले ही दिन 4 जून, 2010 के कपूर को पत्र लिखा और कहा कि उन्हें 'पेंटिंग का पूरा पेमेंट मिल चुका है।' उन्होंने पत्र में यह भी बताया पेटिंग 'अभी उनके पास ही है।' ईडी सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी प्रियंका के इस दावे की भी जांच करेगी कि क्या 1985 में कांग्रेस के शताब्दी समारोह के वक्त एमएफ हुसैन ने राजीव की जो पेटिंग भेंट की थी, वह वास्तव में प्रियंका के पास थी? ईडी सूत्रों ने कहा, 'हमें यह पता करना है कि कहीं यह पेंटिंग कांग्रेस पार्टी की प्रॉपर्टी तो नहीं है?'



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