सिवनी टोला ऐठाखेड़ा में डोलोमाइट की अवैध खदान में ब्लास्टिंग के दौरान मजदूर का हाथ उड़ गया। मामले को एक्सीडेंट बता गुमराह करने वाला ठेकेदार महेश यादव पुलिस को भी भटकाने की कोशिश करता रहा। सबूत ना मिलें इसलिए गिरफ्त में आया ठेकेदार पुलिस को दूसरी खदानों पर ले गया। वहां जांच हुई तो हादसे के निशान ही नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने सख्ती की, तो वह हादसे वाली खदान ले गया। तिलवारा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 308, 34, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4, 5 का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पेशेवर अपराधी है महेश यादव
अपराध क्रमांक |
धारा |
297/08 |
341, 294, 307, 34 3 (1) 11 एएसी-एसटी एक्ट |
317/09 |
34 (1) आबकारी एक्ट |
344/10 |
294, 323,506, 34 |
320/15 |
294, 506, 324, 34 |
118/18 |
34 (2) आबकारी एक्ट |
510/20 |
308, 34, 4 व 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम |
इस्त. क्र. 69/07 |
107, 116 (3) जा. फौ. |
300/15 |
107, 116 (3) जा. फौ. |
30/11 |
110 जा. फौ. |
15 दिन से जा रहा था खदान में विस्फोट करने
झिरी परासिया तिलवारा निवासी अमरेश ठाकुर ने पुलिस को बताया कि वह मजदूरी करता है। उसके बड़े भाई कमलेश ठाकुर पिछले 15 दिनों से महेश यादव की खदान में काम करने जाता था। गुरुवार सुबह भी वह गया था। सुबह 11 बजे के करीब उसे राकेश उर्फ टिंकू झारिया ने बताया कि उसके भाई कमलेश को ब्लास्टिंग करते समय हाथ-पैर, चेहरे में चोट आई है। उसे तुरंत फैक्ट्री बुलाया है। अमरेश के मुताबिक वह पहुंचा तो भाई घायल पड़ा था।
ट्रैक्टर से ड्रिल कर डेटोनेटर भरकर करते हैं विस्फोट
कमलेश ठाकुर ने बताया कि महेश और उसके लोग ट्रैक्टर से अवैध खदान के पत्थरों में कम्प्रेशर ड्रिल मशीन से छेद करवा कर उसमें डेटोनेटर भरवाकर विस्फोट करवा रहे थे। उसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गया। हादसे के बाद ठेकेदार महेश यादव और उसके लोग मामले को दबाने में जुट गए। आनन-फानन में उसे ऐसे निजी अस्पताल ले गए, जहां किसी को खबर न लगे। अस्पताल में एक्सीडेंट बता कर भर्ती करा दिया।
थाने में एक्सीडेंट की पहुंची सूचना
रात आठ बजे तक घटना के बारे में किसी को खबर नहीं होने दी। ठेकेदार ने परिवार वालों को इलाज कराने का आश्वासन और थाने से लेकर माइनिंग विभाग में पहुंच का हवाला देकर चुप करा दिया था। यहां तक कि उसके गुर्गे अस्पताल में पहुंच गए और घायल से किसी को मिलने नहीं दे रहे थे। अस्पताल से तिलवारा थाने को जो सूचना भिजवाई गई, उसमें बताया गया कि रोड एक्सीडेंट से कमलेश ठाकुर नाम का व्यक्ति इलाज के लिए लाया गया है।
घायल कमलेश ठाकुर
अधिकारियों तक पहुंची खबर, तब हरकत में आई पुलिस
ये खबर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची, तब तिलवारा पुलिस हरकत में आई। एएसपी शिवेश सिंह बघेल के निर्देश पर प्रभारी थाना एसआई शिल्पा कौरव अस्पताल पहुंची। वहां घायल और उसके भाई का बयान लिया। सीएसपी बरगी रवि चौहान की अगुवाई में टीम ने आरोपी ठेकेदार घुंसौर तिलवारा निवासी महेश यादव को पकड़ लिया।
दूसरे के खदान में लेकर पहुंचा महेश यादव
आरोपी महेश यादव इतना शातिर है कि गिरफ्त में आने के बाद भी वह हरकतों से बाज नहीं आया। तिलवारा पुलिस ने उसे घटनास्थल पर ले जाने को कहा, तो वह दूसरे की खदान पर ले गया। वहां पुलिस ने जांच की, तो विस्फोटक या हादसे के बाद गिरे खून आदि के निशान नहीं मिले। फिर सख्ती दिखाई, तो असलियत सामने आई। इसके बाद टीम गुरुवार को फिर आरोपी को लेकर घटनास्थल वाले खदान पहुंची।
माइनिंग विभाग की नाक के नीचे अवैध खनन
तिलवारा से चरगवां रोड पर दो दर्जन डोलोमाइट की अवैध खदान संचालित हैं। यहां इसकी फैक्ट्री भी है। इसमें पाउडर बनाया जाता है। अधिकतर खदान अवैध तरीके से संचालित हैं। बावजूद जिले का माइनिंग विभाग झांकने तक नहीं जाता।
सीएम के आदेश की अधिकारी उड़ा रहे धज्जियां
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अवैध रेत खनन, खनिज खदान, संगठित अपराधियों, भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिए हैं, लेकिन जबलपुर में कलेक्टर और एसपी की नाक के नीचे आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। बेलखेड़ा में आए दिन होने वाले अवैध खनन के विवाद में हत्या की बात हो या ऐठाखेड़ा में डोलामाइट के अवैध खदान का प्रकरण हो।
राजस्व के साथ पर्यावरण का भी नुकसान
बरगी, सिवनी टोला और चरगवां क्षेत्र में डोलोमाइट पत्थरों का अवैध खनन और परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है। अवैध खनन से शासन को हर महीने लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो फिर भी कार्रवाई नहीं होती। अवैध खनन से क्षेत्र में पर्यावरण की हानि भी हो रही है। अवैध खनन कराने वाले मजदूरों को पैसे का लालच देकर जोखिमपूर्ण काम कराते हैं। फॉरेस्ट, खनिज विभाग से सांठ-गांठ कर ये आसानी से ट्रकों और ट्रैक्टर में से पत्थर फैक्ट्री तक पहुंचाते हैं।
शराब भी बिकवा रहा आरोपी
नर्मदा के 300 मीटर के दायरे में शराब दुकान का लाइसेंस जारी नहीं होने का फायदा उठाते हुए महेश यादव अवैध तरीके से शराब भी बिकवाता है। चरगवां मोड़ पर जहां पहले अंग्रेजी शराब की दुकान थी, वहीं से वह देसी व अंग्रेजी शराब बिकवाता है। शहर के एक ठेकेदार और सिवनी से वह शराब बुलवाता है। आबकारी और स्थानीय पुलिस मामले में भी उस पर अब तक हाथ डालने से बचते रहे। अब पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि महेश यादव डेटोनेटर कहां से लाता था।