वरिष्ठ अफसर के कहने पर पीडबल्यूडी ईई ने दिया था इमरती को बंगला खाली करने का नोटिस; अब सब मौन

Posted By: Himmat Jaithwar
12/10/2020

ग्वालियर। इमरती देवी के बंगला खाली करने के मामले में नई जानकारी सामने आई है। एक अधिकारी के मौखिक आदेश के बाद प्रभारी कार्यपालन यंत्री (EE) ने नोटिस जारी किया था। लेकिन, जब हंगामा मचा तो तत्काल नोटिस निरस्त कर कार्यपालन यंत्री पर कार्रवाई कर मामले को वहीं खत्म करा दिया गया। अब यह मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि कोई भी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मौखिक आदेश देने वाले जिले के ही वरिष्ठ अधिकारी हैं, लेकिन स्टाफ ने चुप्पी साध ली है। हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में इमरती देवी के शामिल होने के बाद उनके विरोधी हैरान हैं।

डबरा विधानसभा से अपने ही रिश्तेदार कांग्रेस के सुरेश राजे से उपचुनाव हारने वाली इमरती देवी का मंत्री पद और झांसी रोड स्थित बंगला पिछले कुछ समय में काफी चर्चा में रहा है। 2 दिसंबर को इमरती को मंत्री न मानते हुए लोक निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओम हरि शर्मा ने बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया। साथ ही कहा गया था कि अब आपके पास कोई पद नहीं है इसलिए बंगला रिक्त कर दीजिए।

इस नोटिस पर इतना हंगामा मचा कि 4 दिसंबर रात को ही नोटिस निरस्त करने का नया आदेश जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं नोटिस जारी करने वाले प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग को तत्काल भोपाल ऑफिस अटैच कर दिया गया। पर असल कहानी कुछ और ही है। ऐसा पता लगा है कि नोटिस जारी करने का आदेश जिला स्तर पर ही किसी बड़े अधिकारी ने मौखिक रूप से दिया था। उन पर भी गाज गिर सकती है।

गफलत में हो गई गड़बड़ी
कुछ समय पहले इमरती देवी मंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। पर उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। ऐसे में कार्यपालन यंत्री को नोटिस जारी करने के लिए कहने वाले अफसर को लगा कि वह मंत्री नहीं हैं। इसी गफलत में चूक हो गई। जब हंगामा मचा तो प्रभारी कार्यपालन यंत्री को हटा दिया गया।

मुझे अब कुछ नहीं कहना
जब इस मामले में नोटिस जारी करने वाले तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि अब वह उस पद पर नहीं हैं। भोपाल अभी ज्वाइन नहीं किया है। इस मुद्दे पर कुछ कहना नहीं चाहता।



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