राजस्थान में भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) पर है, लेकिन लगता है बाड़ ही खेत को खा रही है। वैसे तो 9 दिसंबर को यानी कल एंटी करप्शन डे था, लेकिन घूसखोर अफसरों ने इस दिन का भी लिहाज नहीं किया। सवाई माधोपुर में ACB के DSP भैरूलाल मीणा 80 हजार की घूस लेते पकड़े गए, तो बारां कलेक्टर इंद्र सिंह राव का PA महावीर नागर 1.40 लाख लेते गिरफ्तार कर लिया गया। उसने कबूला कि 1 लाख साहब को पहुंचाने थे।
करप्शन की कंप्लेन के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया, 1 घंटे बाद खुद ही पकड़े गए
एंटी करप्शन डे के मौके पर भैरूलाल मीणा ने सुबह 11 बजे टोल फ्री नंबर जारी किया, ताकि लोग करप्शन की शिकायत कर सकें। लेकिन एक घंटे बाद DSP साहब खुद ही घूसखोरी में पकड़े गए। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर महेशचंद 80 हजार रुपए देने भैरूलाल के ऑफिस पहुंचे थे। जयपुर ACB की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
बारां कलेक्टर APO किए गए, गिरफ्तारी भी हो सकती है
सरकार ने कलेक्टर इंद्र सिंह राव को APO कर दिया। ACB के अधिकारी देर रात तक राव से पूछताछ कर रहे थे। उनके PA महावीर से पूछताछ में सुराग मिले हैं कि रिश्वतखोरी में बिना बोले कलेक्टर की भी हामी थी। ऐसे में कलेक्टर की गिरफ्तारी भी हो सकती है। ACB के DG बीएल सोनी ने बताया कि विभाग की कोटा यूनिट को शिकायत मिली थी कि पेट्रोल पंप की NOC जारी करने के लिए कलेक्टर का PA रिश्वत मांग रहा है। शिकायत को वेरिफाई करवाया गया और कोटा ACB की टीम ने महावीर को ट्रैप कर लिया।
कलेक्टर इंद्र सिंह राव।
राव का रिपोर्ट कार्ड दागदार : 31 साल की नौकरी में 45 पदों पर रहे, 6 बार APO और एक बार सस्पेंड भी हो चुके
इंद्र सिंह राव राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (RAS) के 1989 बैच के अफसर हैं। 31 साल की नौकरी में अब तक 6 बार अलग-अलग वजहों से APO किए जा चुके हैं। जबकि, गंभीर आरोप के चलते एक बार उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है। चार साल पहले ही उन्हें RAS से IAS में प्रमोट किया गया था। उसके तुरंत बाद भाजपा सरकार ने उन्हें राजस्व मंडल में लगा दिया। 2018 में सत्ता बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने राव को बारां में कलेक्टर लगा दिया।
- राव 1999 में पहली बार APO किए गए थे।
- फिर 2004, 2005, 2008, 2011 और अब छठी बार APO किए गए।
- बतौर कलेक्टर बारां में उनकी पहली पोस्टिंग थी।