किसानों के नाम पर खुद को जीवित करने का प्रयास कर रही है कांग्रेस

Posted By: Himmat Jaithwar
12/8/2020

भोपाल। कांग्रेस और विरोधी दलों के शरद पंवार जैसे जो नेता एक समय पर एपीएमसी मॉडल एक्ट की मांग कर रहे थे, आज उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में जमीन सिर पर उठा ली है। उनका ये यू टर्न पाखंड नहीं है क्या? धोखा, फरेब, बेईमानी और सस्ती राजनीति नहीं है क्या? कांग्रेस और विरोधी दलों के ये नेता किसानों को नाम पर खुद को राजनीतिक रूप से फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए सोनिया गांधी और शरद पंवार जैसे नेताओं को देश की जनता को जवाब देना होगा। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को हैदराबाद में पत्रकार वार्ता में कही।

जो खुद सुधारों की मांग करते थे, आज विरोध कर रहे हैं : चौहान ने कहा कि आज जो लोग कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं, ये सभी दल पहले ऐसे ही कृषि सुधारों की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कृषि मंत्री रहे शरद पंवार ने 2011 में मुझे एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने एपीएमसी एक्ट मॉडल का समर्थन किया था। कांग्रेस ने 2019 में अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी लिखा था कि कांग्रेस कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी, जिसमें निर्यात और अंतर्राज्यीय व्यापार भी शामिल होगा।

जो सभी प्रतिबंधों से मुक्त होगा। यह बात घोषणा पत्र के पेज नं. 17 के पाइंट 11 में दर्ज है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र के पेज 18 पर यह वादा किया था कि एसेंन्शियल कमोडिटी एक्ट को खत्म कर उसकी जगह ईसीए 19-55 के नाम से नया कानून लेकर आएगी। 27 दिसंबर 2013 को राहुल गांधी ने कहा था कि एपीएमसी एक्ट के तहत फलों और सब्जियों को डिलिस्ट कर देंगे। मगर आज कांग्रेस किसानों को भडकाने का काम कर रही है।



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