भाेपाल में हाेगा ओबीसी महापाैर, इंदाैर में सामान्य के लिए माैका; महापाैर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण का फैसला कल

Posted By: Himmat Jaithwar
12/8/2020

भोपाल। भोपाल में अगला महापौर ओबीसी वर्ग से होना तय है। इसमें भी प्रबल संभावना है कि यह पद महिला के लिए आरक्षित हाे। इंदाैर का महापाैर पद सामान्य हाेगा। बुधवार काे निकायाें के महापाैर व अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण में स्थिति साफ हाे जाएगी। एससी-एसटी के लिए आरक्षण के बाद 25 प्रतिशत नगर निगम ओबीसी के लिए आरक्षित की जाती है। भोपाल लगातार तीन बार अनारक्षित रह चुका है, चार बार के चक्र में कम से कम एक बार आरक्षित होना जरूरी है। इसलिए इस बार भोपाल ओबीसी वर्ग में जाना तय है। इसमें भी यदि काेई तकनीकी पेंच नहींं फंसा ताे ओबीसी महिला के लिए यह पद आरक्षित हाेगा।

नगर निगम में महापौर के लिए अजा, अजजा का आरक्षण आबादी के अनुसार होता है, जबकि ओबीसी आरक्षण 25 प्रतिशत होता है। ओबीसी आरक्षण में नियम यह है कि पिछली बार ओबीसी के लिए आरक्षित रहे निकायों को हटा कर यह आरक्षण होता है। इस आधार पर इंदाैर के महापाैर का पद सामान्य के लिए खुला रहेगा, क्याेंकि पिछली बार यहां महिला ओबीसी का आरक्षण था। इस बार भी पिछले बार की तरह वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण हो रहा है। ऐसे में जनसंख्या का अनुपात पिछले आरक्षण यानी 2014 जैसा ही होगा। आशय यह है कि अजा-अजजा के लिए आरक्षण में बदलाव नहीं होगा।

50 फीसदी महिला आरक्षण बाय रोटेशन
मप्र में नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण बाय रोटेशन होता है। यानी पिछली बार महिला वर्ग के लिए आरक्षित निकाय इस बार अनारक्षित होंगे। इसका आशय यह हुआ कि पिछली बार अनारक्षित रहे नगर निगम इस बार महिला वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। लाॅट निकालने में कई बार तकनीकी पेंच आ जाते हैं, जिसमें कभी स्थिति बदल भी जाती है। आरक्षण में सबसे स्पष्ट स्थिति सिंगराैली, मुरैना ओर उज्जैन की है। सिंगराैली इस बार अजजा के लिए आरक्षित हाेगी, पिछली बार यह अजजा महिला के लिए सुरक्षित थी।

एससी के लिए रिजर्व उज्जैन व मुरैना की स्थिति इस बार आपस में बदल जाएगी। पिछली बार उज्जैन एससी महिला के लिए आरक्षित थी, इस बार एससी का आरक्षण हाेगा। वहीं, मुरैना एससी महिला के हिस्से जाएगी। बाकी बचे 13 नगर निगम में इंदाैर, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर व सागर ओबीसी से हटकर सामान्य में शिफ्ट हाेंगे। इनके स्थान पर बचे नाै नगर निगम में से चार निकाय ओबीसी में जाएंगे।

भोपाल में यह रही है आरक्षण की स्थिति
1994 – अनारक्षित
1999 – ओबीसी महिला
2004 – अनारक्षित
2009- अनारक्षित महिला
2014- अनारक्षित

पिछली बार यह थी आरक्षण की स्थिति
सामान्य- भोपाल, ग्वालियर, खंडवा, देवास, कटनी
सामान्य महिला- जबलपुर, रतलाम, रीवा, सतना
ओबीसी महिला - इंदौर और छिंदवाड़ा
ओबीसी- बुरहानपुर, सागर
एससी- मुरैना
एससी महिला - उज्जैन
एसटी महिला - सिंगरौली



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