भोपाल में रईस रेडियो का अवैध निर्माण तोड़ा गया; एक साल पहले टीला इलाके में भी बुलडोजर चला था

Posted By: Himmat Jaithwar
12/7/2020

भोपाल। प्रदेशभर में भू-माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार को राजधानी भोपाल में फिर नगर निगम का बुलडोजर चला। इस बार पुराने भोपाल के कुख्यात गुंडे रईस रेडियो के ठिकाने को तोड़ा गया। हैरानी की बात यह है कि टीला में भी एक साल पहले उसके अवैध कब्जे के निर्माण तोड़े गए थे। इसके बाद उसने अब खानूगांव में करीब ढाई हजार वर्गफीट में बिल्डिंग तान दी थी।

सुरक्षा के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
सुरक्षा के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया

रईस रेडियो के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। नगर निगम के अतिक्रमण अमले की सुरक्षा के लिए यह बल लगाया था। इससे पहले खानूगांव में विधायक आरिफ मसूद के कॉलेज के अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा चुकी है। बीते एक महीने में खानूगांव में यह दूसरी कार्रवाई है।

नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने सुबह कार्रवाई शुरू कर दी थी।
नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने सुबह कार्रवाई शुरू कर दी थी।

एक साल पहले हुई थी रईस पर कार्रवाई

करीब एक साल पहले पुराने भोपाल में टीला जमालपुरा इलाके के कुख्यात गुंडे रईस रेडियो के अड्डे को भी नगर निगम के अमले ने ढहा दिया। यहां कार्रवाई करने से पहले किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी की गई थी। उसी दिन छोला पुलिस ने इलाके के कुख्यात बदमाश आदतन अपराधी सुनील का जुलूस निकाला और वहां पर काई अवैध निर्माण तोड़े थे।

इसलिए पड़ा रईस रेडियो नाम

असल में बदमाश रईस के नाम के साथ रेडियो शब्द बाद में जोड़ा गया। उसके पास पुलिस का वायरलेस रहता था। इसके कारण वह पुलिस की हर हरकत के बारे में पता कर लेता था। इसके कारण वह कई संगीन अपराध करने के बाद पुलिस से बच जाता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ था। उसके बाद से ही उसका नाम रईस रेडियो पड़ गया।

मुख्तार मलिक का मकान कुर्क हो चुका

इससे पहले प्रशासन कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक के अवैध मकान को कुर्क कर चुका है। मलिक के श्यामला हिल्स के समीप अहाता रुस्तम खां में 1500 वर्गफीट पर बने मकान पर 15 साल का एक लाख रुपए से अधिक टैक्स बकाया था। इस मकान की बिल्डिंग परमिशन और मिल्कियत को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं मिला था। उसके बाद कार्रवाई की गई थी।



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