भोपाल। देशभर में चल रहे किसान आंदोलन का मध्य प्रदेश में ज्यादा असर नहीं है, लेकिन अब यहां भी किसान बिल के संशोधन की मांग उठने लगी है। भारत बंद के आव्हान के दिन भोपाल समेत प्रदेश की सभी 255 मंडियां संचालित होती रहेंगी और बाजार भी बंद नहीं किए जाएंगे। इसी कारण इसका भोपाल समेत प्रदेश में ज्यादा असर अब तक नहीं दिख रहा है।
किसी भी व्यापारी संगठन ने बंद का समर्थन नहीं किया है। संगठनों का कहना है कि बंद करने को लेकर अभी तक चर्चा ही नहीं हुई है और न ही किसी ने संपर्क ही किया है। इधर कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का भी कहना है कि इसका असर शहरों में नहीं बल्कि गांव में देखा जाएगा। अब तक बंद जैसी कोई बात नहीं की गई है।
इसलिए बंद नहीं हो सकती मंडी: गल्ला एसोसिएशन
भोपाल के गल्ला मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ज्ञानचंदानी ने बताया कि मंडी बंद नहीं रहेगी, लेकिन हम किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। मंडी एक्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि मंडी बंद करने के लिए कम से कम 72 घंटे पहले सूचना देनी होती है, ताकि यहां आने वाले किसानों को किसी तरह की परेशानी ना हो। इसलिए भोपाल समेत मध्य प्रदेश की 255 मंडियों में नियमित काम चलेगा, लेकिन वाणिज्यिक कार्य नहीं होंगे। इसका असर किसानों और आम लोगों पर नहीं पड़ेगा। मंडी एसोसिएशन पूरी तरह से किसानों के समर्थन में है। हम भी बिल में संशोधन चाहते है। जैसे टैक्स एक समान होना चाहिए। अगर बाहर टैक्स फ्री है, तो मंडी में भी टैक्स फ्री होना चाहिए और मंडी में टैक्स है तो बाहर भी टैक्स लगाया जाना चाहिए। इस तरह की कुछ मांगों के समर्थन में हम हैं, लेकिन काम चलता रहेगा। मध्य प्रदेश में इसका ज्यादा असर नहीं होगा।
हम भी दिल्ली की तरह डटे रहेंगे : किसान संगठन
भारतीय किसान संगठन के जिला अध्यक्ष सुरेश पाटीदार ने कहा कि जिस तरह दिल्ली में किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, उसी तरह हम भोपाल के नीलम पार्क में धरने पर बैठ गए हैं। हम तब तक यहां पर धरने पर बैठे रहेंगे, जब तक कि दिल्ली में किसान डटे रहते हैं। हमने किसी संगठन से अभी संपर्क नहीं किया है, लेकिन अगर कोई संगठन हमसे जुड़ना चाहता है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। हम कृषि विधेयक के विरोध में है और उसे वापस लेने की मांग करते हैं। पुलिस ने 1 दिन पहले हमें जबरन प्रदर्शन स्थल से हटा दिया था और हमें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी।
बिल में संशोधन की जरूरत है : पूर्व मंडी अध्यक्ष
पूर्व मंडी अध्यक्ष भागीरथ पाटीदार ने कहा कि किसान बिल में कोई खराबी नहीं है, लेकिन इसमें कुछ संशोधन होना जरूरी है, नहीं तो यह बिल किसानों और मंडियों को बर्बाद कर देगा। इसमें व्यवस्था एक समान होनी चाहिए और किसानों की सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए। टैक्स जैसे मसले एक समान होंगे तभी यह व्यवस्था अच्छी रहेगी। सरकार को इसके बारे में सोचना होगा। मध्यप्रदेश में भारत बंद का असर नहीं होगा।
अभी हमारा समर्थन नहीं : कैट
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रवक्ता विवेक साहू ने बताया कि मध्यप्रदेश में भारत बंद का असर नहीं होगा। कैट से जुड़े सभी संगठनों ने अब तक इसको लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई है। ना ही हमसे किसी ने संपर्क किया है। ऐसे में इसके समर्थन में जाने का सवाल ही नहीं उठता और ना ही बाजार बंद रहेंगे। अगर कोई संपर्क करता है, तो उसके बाद उस पर निर्णय लिया जाएगा।
हमारी कोई योजना नहीं : एमएफसीजी
एफएमसीजी भोपाल के महामंत्री मनीष अग्रवाल ने कहा कि अभी हमारी इस संबंध में कोई योजना नहीं है। ना ही किसान संगठन में से किसी ने संपर्क किया है। इसलिए हमारे संगठन सामान्य दिनों की तरह ही बाजार में दुकान खुलेगा और कार्य करेगा।
संपर्क करने पर विचार किया जाएगा : व्यापारी संघ
राजधानी कपड़ा व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष श्याम बाबू अग्रवाल ने कहा कि हम से अब तक किसी ने भी संपर्क नहीं किया है। इसलिए हमारा एसोसिएशन इसमें शामिल नहीं है। अगर कोई संपर्क करता है, तो फिर संगठन स्तर पर इस पर विचार किया जाएगा और उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
अभी बंद नहीं : मिष्ठान संघ
मिष्ठान विक्रेता संघ भोपाल के महामंत्री मोहन शर्मा ने कहा कि संगठन की तरफ से अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ना ही किसी ने हमसे संपर्क किया है। इसलिए अभी जैसा काम चल रहा है, वैसे ही चलता रहेगा। अभी बंद नहीं है।
हमारा समर्थन नहीं है : फेडरेशन कॉमर्स इंडस्ट्रीज
मध्य प्रदेश फेडरेशन कॉमर्स इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएस गोस्वामी का कहना है कि हमारा किसान आंदोलन को किसी तरह का कोई समर्थन नहीं है। फेडरेशन ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज काम करती रहेगी।