छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में बस ड्राइवर ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. दरअसल बस ड्राइवर ने अपनी सवारियों की फिक्र किए बिना, दर्द से तड़प रही प्रसूता को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में यात्री बस को देख वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए.
दरअसल मामला भगवा थाना क्षेत्र के रिछारा गांव की महिला मंकु शर्मा का है. जिसे पहले बड़ा मलहरा अस्पताल ले जाया गया था. महिला की हालत ठीक ना होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. उसे ले जाने के लिए तत्काल ना तो जननी एक्सप्रेस मिली और ना ही कोई वाहन मिला. ऐसे में परिजनों ने मजबूरी में प्रसूता को सार्वजनिक बस से ही ले जाने का फैसला किया.
सवारियां छोड़ खाली बस में 50 किमी दूर अस्पताल पहुंचाया
बड़ा मलहरा की राय बस कम्पनी की यात्री बस जब वहां पहुंची तो उसके ड्राइवर और कंडक्टर ने मानवता का परिचय देते हुए प्रसूता को बस में बैठाया और बिना कोई अन्य सवारी बस में बिठाए प्रसूता को लेकर सीधे अस्पताल पहुंचाया.
बता दें कि बस ने इस दौरान 50 किलोमीटर का सफर तय किया. बस स्टाफ ने अपने नुकसान की चिंता ना करते हुए प्रसूता को सीधे अस्पताल पहुंचाया. बस ड्राइवर और अन्य स्टाफ के इस नेक काम की हर कोई तारीफ कर रहा है.
यहां देवदूत बना ड्राइवर शहडोल में प्रसूता ने ऑटो में तोड़ा दम
जहां एक तरफ छतरपुर में प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए बस ड्राइवर ने सराहनीय काम किया, तो वहीं दूसरी तरफ शहडोल में एक प्रसूता ने अस्पताल जाते हुए ऑटो में ही दम तोड़ दिया. दरअसल प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली, जिसके बाद उसे ऑटो में अस्पताल ले जाया जा रहा था, इसी दौरान उसने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन उसकी मौत हो गई.
ये दोनों ही मामले स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर कर रहे हैं. दोनों ही प्रसूताओं को अस्पताल ले जाने के लिए वाहन ना मिलने पर ऑटो और बस से ले जाया गया.