भोपाल। नीलम पार्क में बिना अनुमति प्रदर्शन करने वाले 49 कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस ने कलेक्टर के आदेशों का उल्लंघन करने से लेकर शासकीय कार्य में बाधा डालने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसके कारण अब सभी प्रदर्शनकारियों को कोर्ट से ही जमानत लेना होगा।
जबकि इसी तरह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर पिछले महीने भोपाल मध्य विधानसभा के विधायक आरिफ मसूद पर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया था। हालांकि उन पर बाद में गैर जमानती धाराओं में प्रकरण किया था, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। इस कारण उन्होंने हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली थी।
प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज होने के कारण महिलाओं समेत 15 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
जहांगीराबाद सीएसपी अब्दुल अलीम खान ने बताया कि बिना अनुमति प्रदर्शन करने वाले 49 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने उनसे प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने को कहा था, लेकिन वे बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर अड़े थे। उन्हें वहां से हटाने के दौरान उन्होंने पुलिस पर ही हमला कर दिया था। ऐसे में पुलिस ने सभी को हटा दिया। कार्रवाई का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया है। सभी को जेल भेजा जा चुका है। उन्हें कोर्ट से ही जमानत लेनी होगी।
आधे कर्मचारियों को अचानक निकालने का विरोध
प्रदर्शन करने वाले नीमच के डॉक्टर नीतेश पाटीदार ने बताया कि उनका क्लीनिक चलता था। सरकार ने मार्च में तीन महीने के लिए कोरोना वॉरियर्स की भर्ती निकाली थी। यह सिर्फ तीन महीने के लिए थी। 6 हजार से ज्यादा डॉक्टरों से लेकर लैब टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ समेत सभी तरह के मेडिकल स्टाफ की भर्तियां की गईं।
इसमें कहा गया था कि तीन महीने के पहले भी हटाया जा सकता है, लेकिन तीन महीने पूरे होने के बाद इसे तीन महीने बढ़ा दिया। इसके बाद एक-एक महीने कर इसे दो बार बढ़ाया गया। अब शासन आधे कोरोना वॉरियर्स को निकाल रहे हैं, जबकि आधे स्टाफ को रख रही है। हम शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हम पर लाठियां भांजी। महिलाओं तक को नहीं छोड़ा। अब हम प्रदर्शन को छोड़ अपने साथियों की जमानत के लिए भटक रहे हैं।