जबलपुर। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के सामने ही काल सेंटर (निदान) में कार्यरत कर्मचारियों के शोषण की पोल खुल गई। ऊर्जा मंत्री ने एक कर्मचारी से वेतन को लेकर सवाल किया। जवाब हैरान करने वाला था। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार कुशल-अर्द्ध कुशल और तकनीकी श्रमिकों का भुगतान होना चाहिए। पर यहां कार्यरत कर्मियों को छह से नौ हजार रुपए दिए जा रहे हैं। जबकि न्यूनतम वेतन 12 हजार बनना चाहिए। 10 प्रतिशत टीडीएस कटकर 9800 रुपए मिलना चाहिए। कर्मचारी के शोषण की व्यथा सुनकर ऊर्जा मंत्री भड़क गए। कहा कि शासन द्वारा तय दर से कम वेतन देना कर्मचारियों का शोषण है, यह अमानवीय कृत्य बर्दाश्त योग्य नहीं है। मौके पर ही पूर्व क्षेत्र कंपनी के एमडी को मामले की जांच और कार्रवाई के बाद उन्हें अवगत कराने का निर्देश दिया। मंत्री ने कॉल सेंटर में एक उपभोक्ता से उसकी शिकायत के बाबत जानकारी ली। पता चला कि समस्या जस की तस बनी हुई है। मंत्री ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि ये ढर्रा बदलना होगा।
बरगी में जल विद्युत संयंत्र देखने पहुंचे मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर
नयागांव में 220 केवी विद्युत वितरण केंद्र का भी निरीक्षण किया
ऊर्जा मंत्री बुधवार देर रात पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के कॉल सेंटर (निदान) का निरीक्षण करने पहुंचे थे। मंत्री ने नयागांव स्थित 220 केवी विद्युत वितरण केंद्र का निरीक्षण किया और इसके तुरन्त बाद बरगी बांध स्थित 90 मेगावाट क्षमता वाले जल विद्युत उत्पादन इकाई का निरीक्षण करने पहुंचे। जल से बनने वाली बिजली का संयंत्र देखा। इस दौरान कंपनी के एमडी मनजीत सिंह मंत्री को उसकी कार्यप्रणाली के बारे में बताते रहे।
शक्तिभवन में तीनों कंपनियों की समीक्षा बैठक करते हुए
गुरुवार को बिजली कंपनियों के कार्यों की समीक्षा
मंत्री तोमर गुरुवार को बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्तिभवन पहुंचे। यहां ट्रांसमिशन कम्पनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और जनरेशन कम्पनी के कार्यों की समीक्षा की। इस मौके पर पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी आकाश त्रिपाठी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी किरण गोपाल और ट्रांसमिशन कम्पनी के एमडी सुनील तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।