किसानों की सरकार से चर्चा जारी; शाह से मिलने के बाद अमरिंदर बोले- जल्द हल निकालें, देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा

Posted By: Himmat Jaithwar
12/3/2020

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। 40 किसानों नेताओं की सरकार के साथ विज्ञान भवन में बातचीत चल रही है। सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्षता कर रहे हैं। मीटिंग से पहले तोमर ने कहा कि किसानों से चर्चा का सकारात्मक नतीजा निकलेगा।

उधर, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से अपील की है कि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालें। इस मुद्दे से पंजाब की इकोनॉमी और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। किसानों से भी अपील की है जल्द मामला सुलझाएं।

उधर किसानों के साथ बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद हैं। मीटिंग से पहले सोम प्रकाश ने कहा था कि बातचीत से ऐसा समाधान निकलने की उम्मीद है, जो किसानों और सरकार को भी मंजूर हो। सरकार कह चुकी है कि MSP की व्यवस्था जारी रहेगी और यह बात लिखित में देने को भी राजी है।


एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है। किसानों ने कहा कि सरकार से अब अलग-अलग नहीं, एक साथ मीटिंग करेंगे।

किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत होगी। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।

आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांगें रहेंगी

  • केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
  • केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
  • MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
  • अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
  • खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।

उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।

अपडेट्स

  • वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि किसानों से एक-एक पॉइंट पर बात की जाएगी। देशहित में किसानों से खुले दिल से चर्चा की जाएगी।
  • किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी एस एस सुभरन का कहना है कि केंद्र किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी 507 किसान संगठनों के साथ मीटिंग नहीं करते, तब तक हम किसी और मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
  • बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि उन्हें सरकार से बातचीत में कोई हल निकलने की उम्मीद नहीं है।
  • पुलिस ने NH-9 और NH-24 पर दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को बंद कर दिया है।
  • दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर आज लगातार दूसरे दिन बंद किया गया है। हालांकि, दिल्ली से नोएडा की तरफ एक कैरिज-वे खोल दिया गया है, लेकिन नोएडा से दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता बंद है।
    • आंदोलन की सफलता के लिए गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने लगातार दूसरे दिन हवन किया।
    • राजस्थान के किसानों का एक दल सिंघु बॉर्डर पहुंचा है। उनका कहना है कि राजस्थान के 500 किसान जल्द यहां पहुंचने वाले हैं।।

    आगे की रणनीति

    • किसान नेता आज सरकार से बात करेंगे और देशभर में कानूनों के विरोध में ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
    • 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के पुतले फूंके जाएंगे।
    • 7 दिसंबर को देशभर में खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड और सम्मान लौटाएंगे।

    कोई आंदोलन खराब न करे, इसलिए लाठियां लिए यूथ ब्रिगेड तैनात
    किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में कहीं बाहरी लोग खलल न डाल दें, इसको लेकर संगठनों में चिंता बनी हुई है। इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए आसपास करीब 100 नौजवान किसान लाठियां लिए और गले में आईकार्ड डाले तैनात रहते हैं। किसी को भी अनुशासन भंग नहीं करने दिया जाता।

    सुबह स्टेज की कार्यवाही शुरू होते ही नौजवान वॉलंटियर्स को पहरे पर लगा दिया जाता है, जो यह तय करते हैं कि स्टेज या आसपास कोई गलत तत्व या हुल्लड़बाज न पहुंच पाए। स्टेज पर किसी के लिए कोई कुर्सी नहीं रखी गई। किसे स्टेज पर बोलना है, कितना समय बोलना है, यह भी जॉइंट कमेटी तय करती है। बाहर से आए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के नुमाइंदों या कलाकारों को स्टेज पर बोलने का फैसला भी कमेटी करती है। 30 किसान यूनियनों के नुमाइंदों को दिन में एक-एक घंटा संबोधित करने के लिए दिया जाता है। आंदोलन पूरी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है।

    ट्विटर ने भाजपा के IT सेल प्रभारी की पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया
    ट्विटर ने बुधवार को भाजपा IT सेल के प्रभारी अमित मालवीय की तरफ से पोस्ट किए गए एक वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया है। देश में यह पहली बार हुआ है। मालवीय ने 28 नवंबर को किसान आंदोलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। मालवीय की पोस्ट राहुल गांधी की उस पोस्ट के काउंटर में थी, जिसमें राहुल ने किसानों पर पुलिस के डंडे बरसाने का जिक्र किया था। मालवीय ने इस दावे को गलत बताया था।



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