भोपाल। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में वैसे तो समाज का सभी तबका परेशान था लेकिन लॉकडाउन के दौरान कुछ अच्छी बातें भी हो रही हैं। लॉकडाउन में कई ऐसे जोड़े, जिन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी हुई थी, उनको रिश्ते की अहमियत समझ में आने लगी है और अब वे एक दूसरे का साथ चाहते हैं। कुटुंब न्यायालय में काउंसलिंग के दौरान एक मामले में भाई और भाभी के बहकावे में आई बुजुर्ग महिला ने पति के पास वापस जाने का निर्णय लिया। उसका कहना था कि उनका जीवन साथी वैसा नहीं है, जैसी तस्वीर दूसरों ने पेश की।
ऐसे ही एक अन्य मामले में पति ने पत्नी और बेटी को बताया कि लॉकडाउन में उसने शराब छोड़ दी है तो समझौता हो गया। दोनों मामलों को अब लोक अदालत में रखा जाएगा। शादी के 40 साल बाद भाई-भाभी की बहकावे में आकर महिला (63) ने आवेदन किया कि उन्हें पति से तलाक चाहिए। काउंसलर शैल अवस्थी ने मामले की काउंसलिंग की। इसमें सामने आया कि उसके भाई और भाभी की नजर उसके रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले रुपयों पर थी।
दोनों पति के बारे में बताते थे कि उसका दूसरी औरत से संबंध है। इस कारण उसका पति से विवाद होता था। उसकी दो बेटियों की शादी हो चुकी है। विवाद के कारण पति को छोड़कर वह पिछले तीन साल से मायके में रहने लगी। वह अपना रुपया भाई-भतीजों पर खर्च करती थी। इसी दौरान तलाक का प्रकरण कोर्ट में लगाया। लॉकडाउन के दौरान जब भाई और भाभी ने रिटायरमेंट के बाद उस पर दबाव बनाया कि पूरा रुपया उन्हें दे दे। तब उसे हकीकत समझ में आई।
छोटी बेटी को बताया तो फिर एक हो गए दोनों
उसने छोटी बेटी को यह बात बताई। उसने पिता को बताया तो पति ने पहल की कि वह लौट आए। महिला का कहना है कि यदि लॉकडाउन नहीं होता तो उसे पता ही नहीं चलता कि उसका परिवार उजाड़ने में भाई-भाभी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। मामला जज योगेश दत्त शुक्ल के यहां विचाराधीन है।
कसम खाई- अब कभी भी नहीं पिऊंगा शराब
काउंसलर ने बताया कि एक महिला (60) ने तलाक के लिए आवेदन दिया था। वह एक साल से पति से अलग बेटी के साथ रह रही थी। काउंसिलिंग के दौरान दोनों पक्षों को बुलाया। पति ने पत्नी को तलाक न लेने की काफी मिन्नत की। महिला का कहना था कि वह पति की शराब की आदत से परेशान हो चुकी। पति बोला कि लॉकडाउन में जब पाबंदी लगी तो कुछ वक्त शराब नहीं पी। तब अहसास हुआ कि वह बिना शराब के भी रह सकता है। अब पति ने कसम खाई कि वह दोबारा शराब नहीं पीएगा। इसके बाद समझौता हो गया। मामला जज आरएन चंद के यहां विचाराधीन है।