भोपाल। राजधानी में पेट्रोल के दाम पहली बार 90 रुपए के पार चले गए। रविवार को पेट्रोल 90.05 रुपए प्रति लीटर बिका। इसके अलावा डीजल भी 80.10 रुपए पर पहुंच गया, जो अपने 81.29 रुपए के सर्वोच्च स्तर के करीब करीब है। दामों में हो रही वृद्धि से मप्र सरकार का टैक्स राजस्व वित्तीय वर्ष 2020-21 में पहली बार 11 हजार करोड़ रु. के पार जा सकता है। सरकार इस साल पेट्रोल पर 9% और डीजल में 8% तक टैक्स बढ़ा चुकी है।
अभी मप्र में पेट्रोल पर 39% और डीजल में 27% टैक्स लग रहा है। एक साल पहले पेट्रोल पर 30% और डीजल पर 20% ही टैक्स लग रहा था। दामों में हो रही बढ़ोतरी और ज्यादा टैक्स होने के कारण मप्र सरकार को सितंबर तिमाही में कुल 4495.20 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है।
यह 2019-20 की सितंबर तिमाही में 4154.10 करोड़ रुपए मिले थे। यानी अभूतपूर्व करोना संकट में लॉकडाउन के कारण अप्रैल,मई और जून में बिक्री 70% घटने के बाद भी मप्र सरकार को पिछले साल से अधिक राजस्व मिलने जा रहा है। टैक्स विशेषज्ञ इस बात से खासे हैरान हैं। क्योंकि त्योहारों के समय नवंबर माह में भी पेट्रोल-डीजल की बिक्री पिछले साल से 10-15% तक कम रही है।
आम आदमी, व्यापारी, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन सब लंबे समय से पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती करने की मांग कर रहीं हैं। लेकिन सरकार ज्यादा कमाई होने के बाद भी आर्थिक संकट का हवाला देकर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटा रही। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के विजय कालरा कहते हैं, ट्रांसपोर्टर की कमाई का 65% हिस्सा डीजल खरीदने में चला जाता है। तीन माह ट्रांसपोर्टर्स के पास कई काम नहीं था। वे कर्जों में डूबे हैं।
सरकार से हमने कई बार मांग की कि मप्र में टैक्स ज्यादा है। इसे कम किया जाए। लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा। प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है, डीजल के दाम यहां पड़ोसी राज्यों से ज्यादा हैं। इसलिए दूसरे राज्यों की सीमाओं पर लगे पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर आ गए हैं। आम आदमी की हालत तो पहले ही खराब है। ऐसे में सरकार को अब पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करना चाहिए।
बिक्री पिछले साल से 10% से 20% तक कम
2019-20 में पेट्रोल-डीजल की बिक्री 786 करोड़ लीटर रही थी। यानी औसत 2.15 करोड़ लीटर की बिक्री हो रही थी। इस बार यह बिक्री घटकर जून तिमाही में 1.1 करोड़ लीटर के आसपास थी। जुलाई से सितंबर तक यह बिक्री 1.70 करोड़ लीटर रोजाना रही। अब यह बिक्री 1.90 करोड़ लीटर के आसपास चल रही है।
पिछले साल मप्र में रोजाना पेट्रोल पदार्थ की बिक्री 2.20 करोड़ लीटर प्रतिदिन थी, इस बार कमाई 1.70 करोड़ लीटर प्रतिदिन है।
स्रोत: पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी)
एक साल में पेट्रोल पर 9% और डीजल पर 7% बढ़ा टैक्स
2020 : 39% टैक्स- 33% वैट+4.5 रुपए एडिशनल ड्यूटी (5%)+1% सेस
2020 : 27% टैक्स- 23% वैट+3 रुपए एडिशनल ड्यूटी (3%)+1% सेस
2019: 30% टैक्स- 28% वैट+1.5 रुपए एडिशनल ड्यूटी (1%)+1% सेस
2019: 20% टैक्स- 18% वैट+ सेस 1% 1 रु. एडिशनल ड्यूटी।
अब तक 8.21% कमाई बढ़ी, दिसंबर तक 20% बढ़ेगी
- 4154.10 करोड़ रुपए अप्रैल-सितंबर 2019-20
- 4495.20 करोड़ रुपए अप्रैल-सितंबर 2020-21 (स्रोत: वाणिज्यिक कर विभाग, मप्र शासन)
- दिसंबर तिमाही में सरकार को करीब 3500 करोड़ रु. से अधिक की आमदनी होने का अनुमान है। 2019-20 में यह 2926 करोड़ रु. थी। करीब 20% अधिक राशि मिल सकती है।
कमाई में कोरोना बेअसर... प्रदेश में अप्रैल-जून में पेट्रोल-डीजल की बिक्री 70%, जुलाई से सितंबर के बीच 30% और अक्टूबर-नवंबर में 20% तक कम रही। इसके बावजूद सरकार को पिछले साल से ज्यादा मिल रहा है टैक्स ।