मध्य प्रदेश में कोरोना का टीका सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को लगेगा। प्रदेश में प्राइवेट और सरकारी समेत करीब 7-8 लाख स्वास्थ्य कर्मी हैं। इसमें भोपाल के 25 हजार स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। प्रदेशभर के स्वास्थ्य कर्मियों की केंद्र सरकार द्वारा दिए गए ऑनलाइन पोर्टल पर फीडिंग शुरू हो गई है। भोपाल के स्वास्थ्य कर्मचारियों के डेटा फीडिंग का काम शुरू हो गया है।
स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि निजी और सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की जानकारी एकत्र कर ली गई है। इनकी संख्या करीब 7-8 लाख है। सबसे पहले इन्हीं को टीका लगाया जाएगा। फिलहाल, इनके फोन नंबर सत्यापित करने का काम चल रहा है। इसके लिए जिला स्तर पर इन मोबाइल नंबरों पर बात करके पता किया जा रहा है, जो नंबर अस्पतालों ने दर्ज हैं, वह सही हैं या गलत।
जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ऐसी तैयारी कर रहा है कि कोरोना की वैक्सीन आने के बाद टीकाकरण में परेशानी न आए। इसके लिए पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए जैसे बूथ बनाए जाते थे, वैसे ही इस बार भी लोगों को बूथ बनाकर टीका लगवाने के लिए बुलाया जाएगा। इससे वह आसानी पहुंच सकेंगे। टीका लगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजा गया एसएमएस या सूचना ही सही मानी जाएगी। साथ ही, प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका लगाया जाएगा।
डायबिटीज के मरीजों की जानकारी ले रहे
अफसरों ने बताया कि डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को भी टीका लगेगा, लेकिन उनकी जानकारी जुटाना चुनौती है। सरकारी अस्पतालों में संचालित गैर संचारी रोग (एनसीडी) क्लीनिकों से इन मरीजों की जानकारी लेने की तैयारी है, लेकिन अधिकतर मरीज निजी अस्पतालों व क्लीनिकों में में इलाज कराते हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की फीडिंग शुरू
भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार करने के आदेश मिले थे। हमने सरकारी, निजी, मेडिकल कॉलेज और डेंटल के स्वास्थ्य कर्मियों की जानकारी एकत्र कर ली है। भोपाल में करीब 25 हजार स्वास्थ्य कर्मी हैं। इसकी पोर्टल पर फीडिंग चल रही है। हमारी कोल्ड चेन भी मेंटेन है, जैसे ही वैक्सीन आएगी, टीकाकरण शुरू कर देंगे।
सीनियर सिटीजन का डेटा तैयार करने में परेशानी
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि केंद्र स्तर पर अभी विचार चल रहा है कि 60 साल की जगह 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जाए। इसी कारण गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल आबादी में 60 साल से ज्यादा उम्र वालों की संख्या पांच फीसद से ज्यादा रहती है। प्रदेश की करीब साढ़े सात करोड़ की आबादी में साढ़े 37 लाख बुजुर्ग होंगे।