इंदौर। एंटी माफिया एक्शन के नाम पर बिल्डर को ब्लैकमेल कर पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए नगर निगम का सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा पकड़ा गया है। उसने 50 लाख रुपए की मांग की थी। बातचीत कर 25 लाख रुपए में डील हुई। इसके बाद शनिवार दोपहर पांच लाख रुपए की पहली किश्त देने बिल्डर धर्मेन्द्र पहुंचा। जैसे ही सिटी प्लानर ने रिश्वत की रकम हाथ में ली ईओडब्ल्यू की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सिटी प्लानर को तत्काल यूनिवर्सिटी थाना ले जाया गया है। वहां उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही सिटी प्लानर के घर विनय नगर भी टीम ने सर्चिंग शुरू कर दी है। काफी मात्रा में दस्तावेज मिले हैं।
शहर के बड़े कारोबारी धर्मेन्द्र भारद्धाज की थाटीपुर के सुरेश नगर में 19 हजार स्क्वॉयर फीट जमीन है। जिस पर वह मल्टी बनाना चाहते हैं। नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को बिल्डर की जमीन के बारे में पता था। सिटी प्लानर कुछ दिन से धर्मेन्द्र को यह कहकर ब्लैकमेल कर रहा था कि उसकी जमीन को वह एंटी माफिया एक्शन में शामिल कराकर उसका काम बिगाड़ देगा। ऐसा न करने के बदले में 50 लाख रुपए की मांग की थी। जिस पर धर्मेन्द्र ने उससे कोरोना काल होने की बात कहकर कुछ कम करने के लिए कहा था। इस पर 25 लाख रुपए में डील तय हुई। इसी समय बिल्डर ने ईओडब्ल्यू एसपी अमित सिंह से शिकायत की। उनके बताए अनुसार शनिवार दोपहर रिश्वत की पहली किश्त 5 लाख रुपए लेकर धर्मेन्द्र अपने एक साथी रमेश के साथ सिटी प्लानर के पास पहुंचे थे। ईओडब्ल्यू की टीम भी उनके पीछे चल रही थी। बाल भवन के पास पहुंचकर सिटी प्लानर ने बिल्डर को इशारा कर अपनी कार में बैठा लिया। इसके बाद वह गांधी रोड पर निकल गए। यहां एसपी ग्वालियर पुलिस के बंगले के पास जैसे ही सिटी प्लानर ने पांच लाख रुपए अपने हाथ में लिए बिल्डर के इशारा होते ही ईओडब्ल्यू की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
विनय नगर स्थित पर भी पहुंची ईओडब्ल्यू
विनय नगर में सिटी प्लानर का आलीशान मकान है। सिटी प्लानर को रिश्वत के साथ पकड़ने के बाद ईओडब्ल्यू की दूसरी टीम विनय नगर के मकान पर पहुंची। यहां टीम को 2.63 लाख रुपए नकद मिले हैं। इसके अलावा काफी मात्रा में फाइलें, जेवरात जिसमें ज्यादातर नकली हैं। 7 लैपटॉप,15 पेन ड्राइव सहित काफी मात्रा में दस्तावेज मिले हैं। एक मकान की रजिस्ट्री सिटी प्लानर के मां के नाम मिली है। रात तक टीम सर्चिंग में लगी थी।
पहले भी ले चुका है 10 लाख
ऐसा भी पता लगा है कि प्रदीप वर्मा पहले भी धर्मेन्द्र से 10 लाख रुपए उसकी किसी बिल्डिंग के नाम पर ले चुका है। उसकी भी जांच ईओडब्ल्यू की टीम कर रही है।
पहले भी कई बार हो चुकी है शिकायतें
सिटी प्लानर ऐसे ही बदनाम नहीं है। इससे पहले भी उनकी कई शिकायतें हो चुकी हैं। लोकायुक्त पुलिस भी उनके पीछे लगी थी, लेकिन इस बार ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया।