मुरैना। आंदोलन के लिए दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कई जगह ट्रैफिक रोक दिया। बानमोर- पुरानी छावनी के बीच वाहन 13 घंटे और धौलपुर-आगरा के बीच 24 घंटे तक वाहन फंसे रहे। 3 एंबुलेंस भी ट्रैफिक जाम में फंस गईं। स्कॉर्पियों की टक्कर से घायल मुरैना शहर के गणेशपुरा निवासी युवक को गंभीर हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल से ग्वालियर रैफर किया गया था लेकिन बानमोर के पास ट्रैफिक जाम में उसकी भी एंबुलेंस फंस गई। यह युवक दर्द से तड़पता रहा।
उसके परिजन जाम खुलवाने के लिए पुलिस के सामने गुहार लगाते रहे लेकिन वाहनों की लंबी कतार के कारण जाम खुलने जैसी स्थिति नहीं बनी। आखिरकार तीन घंटे तक तड़पने के बाद युवक ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। इधर, शुक्रवार की दोपहर 3 बजे यूपी पुलिस ने किसानों को दिल्ली कूच करने की मोहलत दी तब हाईवे पर फंसे वाहनों का आवागमन बहाल हो सका।
बानमाेर में गुरुवार-शुक्रवार की रात 3 बजे से पुलिस ने बार्डर पर वाहनों को मुरैना जाने से रोक दिया। यह निर्णय इस लिया गया क्योंकि यूपी की सैंया पुलिस ने मुरैना, ग्वालियर व भिंड के आंदोलनकारी किसानों को नई दिल्ली जाने से बरेठा टोल प्लाजा पार करने के बाद रोक दिया था। इसके चलते धौलपुर पुलिस ने चंबल राजघाट पर बेरीकेडस लगाकर मुरैना से धौलपुर व आगरा जा रहे वाहनों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
लंबी दूरी के ट्रकों से मुरैना शहर में जाम लगता इसलिए पुलिस प्रशासन ने ग्वालियर साइड से मुरैना की ओर आ रहे ट्रैफिक को बानमाेर में रोक दिया। रात 3 बजे से शुक्रवार की शाम 4 बजे तक 5 किमी हाईवे जाम होने से निरावली से लेकर बानमोर तक सड़क पर वाहन ही वाहन नजर आ रहे थे। इस परिस्थिति के कारण मुरैना के लोग शुक्रवार को न तो ग्वालियर जा सके और ना ही धौलपुर-आगरा।
ट्रैफिक ने लील ली एक की जान
मृतक ललित रजक। बानमोर में ट्रैफिक जाम में फंस गई एंबुलेंस तड़पता रहा घायल, गोद में ही थम गईं सांसें
मुरैना| स्कॉर्पियो की टक्कर से बुरी तरह से जख्मी 19 साल के युवक को इलाज के लिए ग्वालियर ले जा रही एंबुलेंस बानमोर मे ट्रैफिक जाम में फंस गई। काफी मशक्कत के बाद भी ढाई घंटे तक एंबुलेंस नहीं निकल सकी और खून से लथपथ युवक ने अपने परिजन व दोस्त की गोद में ही दम तोड़ दिया। शहर के गणेशपुरा निवासी ललित (19) पुत्र लल्ला रजक शुक्रवार की दोपहर 11 बजे अपने रिश्तेदार को गंज रामपुर में छोड़कर मुरैना की ओर लौट रहा था।
दोपहर पौने 12 बजे स्कॉर्पियो ने सामने से बाइक में टक्कर मार दी। इससे ललित रजक बुरी तरह जख्मी हो गया। उसका सिर फट गया, कूल्हे की हड्डी टूट गई और पेट में भी घाव थे। मुरैना जिला अस्पताल से ललित को ग्वालियर रैफर कर दिया। लेकिन दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की वजह से हाईवे पर ट्रैफिक जाम होने की वजह से एंबुलेसं बानमोर में फंस गई।
ललित के साथ गए उसके दोस्त राहिल खां ने बताया कि दोपहर एक बजे से लेकर तीन बजे तक एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में फंसी रही लेकिन ड्राइवर के लाख मशक्कत करने पर भी वाहन नहीं निकल सकी। 3 घंटे तक ललित अपने परिजन की बाहों में तड़पते हुए दम तोड़ दिया। शाम 3.30 बजे पुलिसकर्मियों ने जाम में फंसी एंबुलेंस को बाहर निकाला तो परिजन अपने बेटे के शव को लेकर मुरैना लौट आए। इसके बाद परिजन ललित का शव लेकर पीएम हाउस आए। यहां शाम 3.30 बजे से लेकर 7.30 बजे तक कोई भी डॉक्टर पोस्टमार्टम करने नहीं आया तो गुस्साए परिजन ने शाम 7.30 बजे कलेक्टर बंगला घेर लिया। मौके पर आए एसडीएम आरएस वाकना ने लोगों को समझाया तब उनका गुस्सा शांत हुआ।
जहां जगह मिली वहीं से निकले- ट्रैफिक जाम में वाहन फंसे तो सड़क छोड़ नैरोगेज ट्रैक के ऊपर से दौड़े ऑटो-बाइक
मुरैना-ग्वालियर रोड पर हाईवे जाम होने पर लोगों ने अपनी ऑटो और बाइक नैरोगेज पटरियों पर दौड़ाई।
ग्वालियर में दूध और मुरैना में सब्जी के दाम एक दिन में ही बढ़ गए
हाईवे जाम होने के कारण मुरैना के दूध के टैंकर शुक्रवार को ग्वालियर कम मात्रा में पहुंच पाए। इस कारण दूध कारोबारियों ने दूध के रेट 5 रुपए लीटर बढ़ा दिए। चूंकि हाईवे जाम था इसलिए अन्य जिलों का दूध बानमोर दुग्ध संघ प्लांट पर पाश्चुरीकृत होने के लिए नहीं पहुंच सका। इस कारण शुक्रवार की सुबह सरकारी दूध की आवक भी प्रभावित हुई। मुरैना में ग्वालियर से फल व सब्जी की आवक प्रतिदिन होती है। सब्जी राजस्थान की मनियां मंडी से मुरैना में आती है। हाईवे जाम होने के कारण शुक्रवार काे शहर में ताजे फल व सब्जियां की आवक कम रही जिससे सेव के रेट 10 रुपए किलो महंगे रहे और हरी सब्जियों के भाव भी 10 रुपए किलो तक ऊंचे कर दिए गए।
हाईवे पर बिताई मुरैना के किसानों ने रात
मुरैना, भिंड व ग्वालियर जिले के आंदोलनकारी किसानों को उप्र की सैंया पुलिस ने गुरुवार को मनिया व सैंया के बीच पार्वती नदी के पुल पर आगे बढ़ने से रोक दिया। यूपी पुलिस की मनमानी से नाराज किसान सड़क पर बैठ गए और उन्होंने गुरुवार की दोपहर 12 बजे से हाईवे रोककर आंदोलन शुरू कर दिया। किसानों के बड़ी संख्या में हाईवे पर पसरने से राजस्थान व उत्तर प्रदेश के बार्डर पर वाहन जाम में फंस गए। गुरुवार की दोपहर 12 बजे से लेकर शुक्रवार की दोपहर 3 बजे तक नई दिल्ली-मुम्बई हाईवे जाम होने से यात्री वाहन व लोडिंग वाहनों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया। इस हाल में धौलपुर पुलिस ने जाम से निपटने के लिए नई दिल्ली व आगरा जाने वाले वाहनों को दूसरे रूटों से रवाना किया।