श्योपुर। खेलने कूदने की महज 9 साल उम्र के मासूम बच्चे के कंधे पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। 12 भाई बहनाें का पेट भरने के लिए सारंगी बजाकर भीख मांगता है। यह कहानी है श्योपुर विकासखंड के ग्राम काचरमाेली निवासी लवली भाेपा की। गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा 3 का छात्र लवली इलाके में घूमकर सारंगी बजाता है।
बुधवार काे शहर के चूड़ी बाजार में सारंगी बजा रहे लवली भाेपा ने बताया कि वह छह भाई और छह बहनाें में सबसे छाेटा है। गत मई माह में भाभी मन्दराज ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस मामले में मां नोसर और भाई धर्मवीर श्योपुर जेल में है। जबकि पिता पप्पू भाेपा बीमार रहता है। तीन बड़ी बहनाें की शादी हाेने से ससुराल चली गई। एक भाई रघुवीर अपनी पत्नी काे लेकर शिवपुरी में गैस चूल्हे व कुकर सुधारने का काम करता है।
वर्तमान में घर पर बीमार पिता के अलावा दाे बड़े भाई बलराम और पवन कुछ नही करते हैं। पिता सारंगी बजाने का पारंपरिक पेशा करते थे। लेकिन बीमार हाेने के कारण वह अब चलने फिरने में असमर्थ है। तीन बहनें, दाे भाई और पिता का पेट पालने के लिए वह राेजाना सुबह श्योपुर आता है। बाजार में सारंगी बजाकर दिनभर में 150 से 200 रुपए जुटा लेता है। घर पर बहन लाचा, माया खाना बनाती है। लवली बताता है कि जुलाई से स्कूल बंद हाेने और परिवार की परिस्थिति काे देखते हुए उसने अपने पिता से सारंगी बजाना सीखा और अब दूसरों का मनोरंजन करके परिवार का गुजारा चला रहा है।