कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक दलों के नेता भी आपसी मतभेद को भुलाकर साथ मिलकर खड़े हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और राज्य आपदा कोष में पांच-पांच लाख रुपये दिए हैं बता दें कि ममता न तो सैलरी लेती हैं और न ही किसी तरह की कोई पेंशन.
कोरोना संक्रमण की खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य की सरकार से लेकर हर कोई अपना योगदान देने में जुटा है. ऐसे में राजनीतिक दलों के नेता भी आपसी मतभेद को भुलाकर एक साथ मिलकर कोरोने से लड़ रहे हैं. इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और राज्य आपदा कोष में पांच-पांच लाख रुपये दिए हैं.
दिलचस्प बात यह है कि ममता बनर्जी न तो विधायक के तौर पर सैलरी लेती हैं और न ही किसी तरह की कोई पेंशन. इसके बावजूद उन्होंने जो पैसे अपने पास जोड़कर रखे थे, उसी में से राहत कोष में दिए हैं. ममता बनर्जी ने खुद ट्वीट कर कहा है,'मैं अपने सीमित संसाधनों में से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएम-केअर्स) में पांच लाख रुपये और राज्य आपात राहत कोष में पांच लाख रुपये का योगदान दे रही हूं.'
सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी कमाई का मुख्य स्रोत उनके रचनात्मक कार्य हैं. उन्हें किताबों और म्यूजिक की रॉयल्टी से जो पैसे मिलते हैं, वही उनकी कमाई का जरिया हैं. ममता बनर्जी ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जंग में वह अपनी तरफ से 10 लाख का योगदान दे रही हैं. साथ ही कहा कि वो विधायक या मुख्यमंत्री के रूप में कोई सैलरी नहीं लेती हूं. सात बार सांसद रहने के बावजूद मैंने पेंशन त्याग दी है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी तरह से मुस्तैद ही नहीं, बल्कि अपने सूबे के लोगों को भी जागरूक करने के लिए जगह सड़क पर उतरी हैं तो राज्य से बाहर फंसे हुए लोगों को बचाने की कवायद भी कर रही हैं. इस तरह से बंगाल में ममता बनर्जी एक के बाद एक कोरोना से लड़ने के लिए लगातार कदम उठा रही हैं. कोरोना के खिलाफ जंग में ममता बनर्जी के काम को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की थी और उनके कामों की तारीफ की थी.
देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या साढ़े 16 सौ के करीब पहुंच गई है और आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक भारत में कोरोना से 48 लोगों की मौत भी हो चुकी है. महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के मुकाबले कोरोना महामारी की तुलना में पश्चिम बंगाल की स्थिति फिर भी बेहतर हैं. बंगाल में अभी तक कोरोना संक्रमण के 27 मामले सामने आए हैं और 4 व्यक्तियों की मौत हुई है.
कोरोना वायरस से लड़ाई में सरकार को आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बैंक अकाउंट नंबर जारी कर चुकी हैं. ममता ने कहा था कि कोरोना की वजह से लॉक डाउन है और व्यवसाय बंद है. ऐसी परिस्थितियों में राज्य के खजाने पर दबाव बढ़ गया है. इसीलिए आम लोगों से अपील है कि वे सरकार को आर्थिक मदद करने के लिए आगे आएं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से कोरोना संकट से निपटने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग की थी.