भोपाल। मध्य प्रदेश की पहली गो-कैबिनेट की बैठक रविवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में 11.30 बजे शुरू हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोधन का इस्तेमाल किया जाएगा। स्वाबलंबन के लिए गोमाता की अवधारणा को लागू करेंगे। गोशालाओं को स्वाबलंबी बनाया जाएगा। गायों के गोबर और गोमूत्र का बेहतर उपयोग कैसेे करें, अधिकारी इस पर सुझाव लें और काम शुरू करें। प्रदेश और देश में कई गोशालाएं, संस्थाएं इस दिशा में बेहतर काम कर रही हैं। स्वसहायता समूहों को गोशालाओं का संचालन करने की सहमति मुख्यमंत्री ने दी।
उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में गोशालाएं बनाई जाएंगी और इसमें समाज का सहयोग लिया जाएगा। सिर्फ पशुपालन विभाग नहीं, बल्कि अन्य विभाग भी इस भूमिका को निभाएं। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि गो-कैबिनेट आगर में होनी थी, लेकिन कोरोना के चलते यह बैठक भोपाल में की गई। मुख्यमंत्री दोपहर डेढ़ बजे आगर जाएंगे, जहां वे सालरिया स्थित गो-अभयारण्य में सभा को संबोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री आगर में विशेषज्ञाें से करेंगे मुलाकात
केंद्र सरकार के गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एवं ब्राजील के गिर नस्ल के संवर्धन के लिए आधिकारिक सलाहकार गोंडल गुजरात के भुनेश्वरी विद्यापीठ के घनश्याम दास महाराज, अक्षयपात्र संस्थान के हिंगोनिया गोशाला के संचालक राधाप्रिय दास, कृष्णायन संस्था हरिद्वार के स्वामी ऋषभ आनंद, श्योपुर के बाल आंग्रे, बंसी गिर गोशाला अहमदाबाद के गोपाल भाई सुतारिया, गिर गोजतन संस्थान राजकोट के रमेश भाई रूपारेलिया, बंसी गोधाम काशीपुर उत्तराखंड के नीरज चौधरी,त्रिकुटा आयुर्वेद रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. आरसी दीक्षित, भारत भारती गोशाला बैतूल के मोहन नागर से चर्चा करेंगे।
गायों को रोटी खिलाते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। उन्होंने यह फोटो ट्वीट किया।
इसके अलावा गो संरक्षण के लिए शिवराज सरकार गाय टैक्स (काऊ सेस) लगाने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं। इसी तरह का टैक्स लगाने का मसौदा कमलनाथ सरकार में भी अफसरों ने तैयार किया था। शिवराज सरकार भी ऐसे ही विकल्पों के जरिए गायों के भरण-पोषण की तैयारी कर रही है।
अंतर सिर्फ इतना है कि कमलनाथ सरकार महंगी कारों, स्टाम्प ड्यूटी और टोल प्लाजा की फीस बढ़ाकर गोशालाओं का निर्माण करना चाहती थी, लेकिन शिवराज सरकार गायों के चारे-भूसे की स्थाई व्यवस्था करने के लिए रजिस्ट्री, वाहन और शराब पर सेस लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
राज्य में करीब 1500 गो-शालाएं
प्रदेश में करीब 1500 गो-शालाएं हैं, जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है। पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए का आवंटन किया था। पिछले वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए रखा था, जबकि 2020-21 में तो यह सीधे 11 करोड़ रुपए हो गया यानी लगभग 90% की कटौती कर दी गई।