इंदौर। एमवाय अस्पताल के मेल नर्स के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीजों की तीमारदारी में लगे डॉक्टर, कर्मचारी और नर्सिंग स्टाफ में दहशत है। इनका कहना है कि एक तरफ तो प्रशासन पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वालों को तलाशकर क्वारंटाइन सेंटर भेज रहा है, दूसरी तरफ दिन-रात मरीजों के संपर्क में आकर उनकी सेवा करने वालों की अनदेखी की जा रही है। एमआरटीबी अस्पताल में ड्यूटी देने वाले नर्सिंग कर्मचारी और डॉक्टरों को अब भी ड्यूटी के बाद घर जाना पड़ता है। इससे उनके परिवार के लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका बनी रहती है। अस्पताल क्षेत्र के होटलों में नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के रहने का इंतजाम कर इस आशंका को दूर किया जा सकता है।
एमआरटीबी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। इन मरीजों की तीमारदारी में डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल के कर्मचारी लगे हुए हैं। कुछ दिन पहले ही मरीजों की देखभाल में लगे अस्पताल के 41 वर्षीय मेल नर्स में कोरोना की पुष्टि के बाद से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि उनके क्वारंटाइन का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। अस्पताल में काम के दौरान वे सावधानी तो बरतते हैं, लेकिन घर लौटने के बाद उनके या उनके किसी स्वजन के इस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में जरूरी है कि जब तक कोरोना का प्रकोप कम नहीं हो जाता, अस्पताल के आसपास ही उनके रहने-खाने का इंतजाम किया जाए। इससे किसी भी आपात परिस्थिति में नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारी और डॉक्टर तुरंत एमआरटीबी अस्पताल भी पहुंच सकेंगे।
एमआरटीबी अस्पताल आरएनटी मार्ग से लगे सरयूप्रसाद मार्ग पर है। इस क्षेत्र में करीब एक दर्जन छोटी-बड़ी होटल हैं। इनमें रहने के साथ-साथ खाने का भी इंतजाम किया जा सकता है। डॉक्टर, कर्मचारी और नर्सिंग स्टाफ ने मांग की है कि ये होटल एमआरटीबी अस्पताल से चंद कदम की दूरी पर हैं। स्टाफ को इसमें शिफ्ट किया जाता है तो वे लोग कुछ ही मिनट में अस्पताल पहुंच सकते हैं।