नई दिल्ली: 'जग घूमया', 'दिल दियां गल्लां' और 'चासनी' जैसे गानों की सिंगर नेहा भसीन (Neha Bhasin) की मानें तो उनका अब तक कई बार सेक्सुअल हैरेसमेंट हो चुका है. उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात की थीं. उनके मुताबिक, जब वे 10 साल की थीं, तब हरिद्वार में एक अजनबी ने उन्हें मोलेस्ट किया था.
10 साल की उम्र में हुआ यौन शोषण
इंटरव्यू के दौरान नेहा ने भसीन ने कहा, 'उस वक्त मैं 10 साल की थी. देश के धार्मिक स्थलों में से एक हरिद्वार में मेरी मां मुझसे कुछ दूरी पर खड़ी थी. अचानक एक आदमी आया और मेरे पीछे गलत तरीके से उंगली लगाने लगा. मैं हैरान रह गई और दूर भाग गई.' नेहा ने दूसरे घटना को याद करते हुए कहा कि कुछ सालों बाद एक आदमी ने एक हॉल में मेरे सीने पर गलत तरीके से हाथ लगाया. मुझे ये घटनाक्रम साफ-साफ याद हैं. मुझे लगता था कि मेरी गलती है. अब लोग सोशल मीडिया पर आते हैं और दूसरों को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और धार्मिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर देते हैं. मैं इसे बिना चेहरे का आतंकवाद मानती हूं.
रेप और जान से मारने की मिली धमकी
नेहा भसीन ने साइबर बुलिंग को याद करते हुए बताया कि उन्हें एक बार के-पॉप बैंड के प्रशंसकों ने रेप करने और जान से मारने की धमकी दी थी. वे कहती हैं, 'यह सब तक शुरू हुआ, जब मैंने एक अन्य सिंगर के नजरिए का समर्थन किया. मैंने के-पॉप बैंड के बारे में कोई कमेंट नहीं किया था. सिर्फ इतना कहा था कि मैं इस पर्टिकुलर बैंड की प्रशंसक नहीं हूं. इसके बाद मुझे ट्रोल किया गया. मेरा रेप करने और मुझे जान से मारने की धमकी दी गई. मैं यह सब देखा है. मैं अब चुप नहीं रहती. पुलिस में शिकायत भी कर देती हूं.
साइबर बुलिंग के खिलाफ भी की बात
नेहा की मानें तो इस तरह की घटनाओं ने उन्हें सॉन्ग 'कहंदे रहंदे' बनाने के लिए प्रेरित किया, जो साइबर बुलिंग के खिलाफ है. ट्रैक का उद्देश्य फूहड़ता, शेमिंग, सेक्सिज्म, साइबर बुलिंग और महिलाओं के प्रति समाज की रूढि़वादिता को उजागर करना है. नेहा कहती हैं, 'किसी को भी गलत को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. गलत कामों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए.