भोपाल। प्रदेश की पहली गो कैबिनेट की बैठक आगर नहीं, बल्कि रविवार सुबह 11 बजे भोपाल स्थित मंत्रालय में होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगर जाएंगे, जहां वे सालरिया स्थित गौ-अभ्यारण में सभा को संबोधित करेंगे। पहले गौ-कैबिनेट की बैठक गो-अभयारण्य में ही होना थी, लेकिन इसका स्थान परिवर्तन हो गया है। उम्मीद है, कैबिनेट में कोई निर्णय लेकर शिवराज उसके बाद सभा में उसका ऐलान करें। इससे पहले, सीएम शिवराज ने तिरुपति से ट्वीट कर कहा था कि कैबिनेट की पहली बैठक गो-अभयारण्य में होगी।
इसके अलावा गो संरक्षण के लिए शिवराज सरकार गाय टैक्स (काऊ सेस) लगाने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं। बता दें कि इसी तरह का टैक्स लगाने का मसौदा कमलनाथ सरकार में भी अफसरों ने तैयार किया था। शिवराज सरकार भी ऐसे ही विकल्पों के जरिए गायों के भरण-पोषण की तैयारी कर रही है। फर्क सिर्फ इतना है कि कमलनाथ सरकार महंगी कारों, स्टाम्प डयूटी और टोल प्लाजा की फीस बढ़ाकर गोशालाओं का निर्माण करना चाहती थी, लेकिन शिवराज सरकार गायों के चारे-भूसे की स्थाई व्यवस्था करने के लिए रजिस्ट्री, वाहन और शराब पर सेस लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। कमलनाथ सरकार ने गोशालाएं खोलने के लिए धन जुटाने वन, राजस्व, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिवों की कमेटी का गठन किया था।
पहले आगर में बैठक के लिए सीएम ने किया था ट्वीट
शिवराज सरकार ने गो-कैबिनेट का गठन किया है, जिसमें गृह, वन, कृषि, ग्रामीण विकास और पशुपालन मंत्री को सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसकी पहली बैठक रविवार को सुबह 11 बजे मंत्रालय में होगी।
कितना सेस लगेगा, गो-कैबिनेट में होगा विचार
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि गायों को पालने के लिए सेस लगाने पर गो-कैबिनेट की बैठक में विचार होगा। हालांकि अधिकारियों ने वाहनों की बिक्री, राजिस्ट्री और शराब पर सेस लगाने के विकल्प तैयार किए हैं।
गोशालाएं आत्मनिर्भर कैसे बनें, बताएंगे विशेषज्ञ
पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि आगर के गो अभयारण्य में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हाेने रविवार दोपहर 1 बजे पहुंचेंगे। इस अवसर पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के गोशालाओं के संचालकों व बड़ी संस्थाओं के संचालकों को बुलाया गया है। वे बताएंगे कि गो शालाओं को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है और सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए। मुख्यमंत्री विशेषज्ञों के साथ सेस के विकल्पों को लेकर भी चर्चा करेंगे।
इसलिए सेस लगाने की तैयारी
इस समय राज्य में करीब 1300 गोशालाएं हैं, जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है। बताया जाता है कि पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए का आवंटन किया था। पिछले वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए रखा था, जबकि 2020-21 में तो यह सीधे 11 करोड़ रुपए हो गया, यानी लगभग 90 फीसदी की कटौती कर दी गई। यानी प्रति गाय सरकारी खुराक 20 रुपए से घटकर 1 रुपए 60 पैसे हो गई।