कब तक सीता को रुबिया बनने देंगे, बताइए कितनी नरगिस ने सुनील दत्त से शादी की?

Posted By: Himmat Jaithwar
11/19/2020

भोपाल। मध्य प्रदेश में लव जिहाद को लेकर सियासत गरमाई हुई है। जहां प्रस्तावित विधेयक पर बीजेपी के अंदर से ही इसे और सख्त करने की मांग उठ रही है। बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने तो इसे आतंकी संगठन आईएसआईएस का षड्यंत्र तक बता दिया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि पहले से ऐसा कानून होते हुए, दूसरा कानून लाने का अधिकार नहीं है।

रामेश्वर शर्मा ने कहा कि 'हम कब तक सीता को रुबिया बनने देंगे, कब तक हम सीता को मरने देंगे? मुझे नरगिस और सुनील दत्त की तरह सच्चा प्यार दिखाओ। बताइए, कितनी नरगिस ने सुनील दत्त से शादी की? उन्‍होंने यह भी कहा कि मुस्लिम संगठनों और कांग्रेस द्वारा विरोध करने से कुछ नहीं होगा। यह षड्यंत्र चल रहा है। हमारा विधेयक वोट के खातिर नहीं, बल्कि संस्कृति की रक्षा के लिए है।'

10 साल की सजा का प्रावधान होना चाहिए

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और उनसे कहा कि लव जिहाद पाकिस्तान की आईएसआई और आईएसआईएस आतंकी संगठनों का भारत के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र है। उन्‍होंने इसमें सजा 5 साल नहीं, बल्कि 10 साल करने का प्रावधान करने की बात कही है। रामेश्वर शर्मा ने दलित और आदिवासी की बेटियों के धर्मांतरण के बाद मुस्लिम या ईसाई बनने पर उन्हें आरक्षण का लाभ न देने की मांग भी की है। उन्‍होंने यह भी कहा कि मुस्लिम संगठनों और कांग्रेस का विरोध करने से कुछ नहीं होगा। हमारा विधेयक वोट की खातिर नहीं, बल्कि संस्कृति की रक्षा के लिए है।

लक्ष्मण सिंह ने किया विधेयक का समर्थन
इधर, चांचौड़ा से कांग्रेस विधायक और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह विधेयक के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- बलपूर्वक विवाह करना बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के विरुद्ध प्रदेश में कानून बन रहा है। जो ऐसा नही करते हैं, उन्हें डरने की क्या आवश्यकता है?

कांग्रेस के धनोपिया ने कहा- दूसरा कानून क्यों?
कांग्रेस ने विधेयक का विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता और कानून मामलों के जानकार जेपी धनोपिया ने कहा कि प्रदेश में पहले ही ऐसे मामलों को लेकर कानून है। धनोपिया ने कहा कि भाजपा विधानसभा सत्र में क़ानून बनाने की बात कर रही है, लेकिन प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 से ही प्रदेश में लागू है, लव जिहाद जैसा टर्म संविधान में नहीं है। हां, यह महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा जरूर है। सरकार को पहले से कानून होते हुए ऐसा कानून लाने का अधिकार नहीं है।

मुसलमानों को दबाने की कोशिश

लव जिहाद विधेयक का जमीयत-ए-उलेमा ने विरोध किया है। जमीयत-ए-उलेमा के स्टेट चेयरमैन हाजी मोहम्मद हारुन का कहना है कि प्यार पर किसी का पहरा नहीं है। इस तरह के विधेयक लाकर सरकार सिर्फ मुस्लिम समाज को टारगेट कर रही हैं। हाजी हारुन ने बताया ऐसे कई हिंदू घर है, जहां मुस्लिम लड़कियां हैं, और ऐसे कई मुस्लिम घर हैं, जहां हिंदू लड़कियां हैं, लेकिन अब सरकार विधेयक से मुस्लिम समाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जमीयत-ए-उलेमा इसको लेकर पत्र लिखेगा और उच्च स्तर पर बात करके सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा। इसका पुरजोर विरोध करेगा।



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