शटर तोड़ बैंक में घुसे चोर, सीसीटीवी के तार तोड़े; गैस कटर से एटीएम काट साढ़े 7 लाख रु. ले गए

Posted By: Himmat Jaithwar
11/17/2020

भोपाल। भोपाल में आईडीबीआई बैंक की शाखा में बदमाश एटीएम काटकर करीब 7.5 लाख रुपए चुरा ले गए। चोर शटर का ताला तोड़कर घुसे थे। यहां सीसीटीवी के तार भी काट दिए। अंधेरा होने के कारण सीसीटीवी में बदमाशाें का चेहरा साफ नजर नहीं आ रहा। घटना रविवार तड़के की बताई जाती है। सोमवार को बैंक खुलने के बाद घटना का पता चला।

थाना प्रभारी ईटखेड़ी करण सिंह ने बताया कि निपानिया जाट में आईडीबीआई बैंक की शाखा है। बैंक के अंदर ही एटीएम है। आज सुबह बैंक कर्मचारी ऑफिस पहुंचे, तो उन्हें बैंक की शटर के ताले टूटे मिले। एटीएम भी टूटा मिला। कर्मचारियों ने बैंक मैनेजर समेत अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। एटीएम में से कैश गायब था। मशीन को गैस कटर से काटा गया था। अकाउंट चेक करने के बाद बैंक कर्मचारियों ने बताया कि एटीएम से साढ़े 7 लाख रुपए गायब हैं। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

चोरों ने एटीएम को गैस कटर से काट दिया। हालांकि एटीएम काटने की घटना सीसीटीवी में कैद नहीं हो सकी।
चोरों ने एटीएम को गैस कटर से काट दिया। हालांकि एटीएम काटने की घटना सीसीटीवी में कैद नहीं हो सकी।

मेन रोड पर होने के बाद भी किसी की नजर नहीं पड़ी

थाना प्रभारी करण सिंह ने बताया कि बैंक मेन रोड पर है। इसमें एटीएम भी अंदर है। बैंक खुलने और बंद होने के समय ही एटीएम खुला रहता है। बाकी समय बंद रहता है। इस कारण यहां किसी ने ध्यान नहीं दिया। रविवार होने के कारण कोई उस तरफ नहीं गया। ऐसे में वहां चोरी की पता नहीं चल सका।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने बैंक से नए और पुराने फुटेज मांगे हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने बैंक से नए और पुराने फुटेज मांगे हैं।

बैंक में घुसते ही सीसीटीवी के तार काटे

घटना रविवार सुबह करीब 3 बजे की बताई जाती है। अंधेरा होने के कारण सीसीटीवी में कुछ भी साफ रिकॉर्ड नहीं हुआ। सीसीटीवी में धुंधला सा एक व्यक्ति अंदर आकर तार काटते दिखा। थाना प्रभारी करण सिंह ने बताया कि वारदात को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। चोरों को बैंक के बारे में पूरी जानकारी थी। उन्होंने सिर्फ एटीएम को ही निशाना बनाया। समय भी ऐसा निर्धारित किया गया, ताकि एक-दो दिन किसी को पता न चले।

सिस्टम पर भी सवाल

सभी एटीएम कंपनी के सर्वर से जुड़े होते हैं। ऐसे में एटीएम में बाहरी या आंतरिक छेड़छाड़ होने पर ऑटोमैटिक जनरेट एसएमएस कंपनी तक पहुंच जाता है। सवाल यह है कि क्या यहां पर यह सिस्टम नहीं था। अगर था, तो फिर रविवार सुबह ही इसका पता क्यों नहीं चला। पुलिस ने बैंक से एटीएम और पुराने सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं।



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