ग्वालियर। पिछले दो माह से पटरी से उतरी सफाई व्यवस्था काे लेकर त्योहार के पहले आपत्ति जताने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दीपावली की सुबह अफसरों काे उठाया और उन्हें अपने साथ गंदगी के ढेर दिखाने ले गए। जगह-जगह कचरे के ढेर और गंदगी देख मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। अफसरों ने कहा कि वे जल्द ही व्यवस्था सुधार देंगे, लेकिन त्योहार के अवकाश के कारण दूसरे दिन समस्या और गहराई हुई दिखी।
शुक्रवार-शनिवार कर रात भोपाल एक्सप्रेस से आए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ट्रेन से उतरने के बाद सीधे उपनगर ग्वालियर का चक्कर लगाने गए। सुबह तक उन्होंने सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। सुबह छह बजे से उन्हाेंने संभागायुक्त एवं प्रशासक आशीष सक्सेना के घर की घंटी बजा दी। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन को साथ लिया और क्षेत्र में निकले।
सफाई के हालात देखकर मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उनके साथ चल रहे अफसरों ने जल्दी ही सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो भी दोषी है, उस पर कार्रवाई करो। आईएएस अधिकारियों को साथ लेकर मंत्री ने उन्हें मंगलेश्वर रोड घासमंडी अस्पताल के पास एक कचरे का ढेर दिखाया, यहां लगभग एक ट्रॉली कचरा पड़ा था।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मरीज को लेकर लोग कैसे निकलते होंगे। यदि हो सके तो आप लोग इसमें से निकलकर बताओ। अधिकारियों ने तत्काल समस्या के निराकरण करने का आश्वासन दिया। शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर मंत्री श्री तोमर ने तीन दिन पहले संभागायुक्त एवं प्रशासक श्री सक्सेना, निगम आयुक्त श्री माकिन को फोन कर नाराजगी जताई थी। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि हालात नहीं सुधरे तो वे झाड़ू लेकर सड़कों पर उतरेंगे।
जनता से रिपोर्ट ली, रात में निरीक्षण
विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद मंत्री ने सफाई, पानी और सीवर समस्या की रिपोर्ट जनता से ली। वे शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात 3:15 बजे ट्रेन से उतरे और बाबा कपूर, लखेरा गली, मंगलेश्वर रोड, शीतला माता की गली, मंशा पूर्ण, सुषभानगर, राय कालोनी, सत्य नारायण मोहल्ला, लधेड़ी आदि जगह पहुंच गए। यहां के हालात देख मंत्री ने अफसरों के मोबाइल की घंटी बजाकर जगाया।
10 दिन का दावा, 28 दिन बीते, नहीं हुआ पूरा
नगर निगम ने 18 अक्टूबर को ईकोग्रीन कंपनी के 120 कचरा वाहन और 435 कर्मचारियों को ले लिया था। इस प्रक्रिया को पूरा करने में दो दिन का वक्त लगा था। तब निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने दावा किया था कि 10 दिन में शहर की सफाई व्यवस्था सुधर जाएगी। 28 दिन बीत चुके हैं, अभी भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। क्योंकि निगम के वर्कशाप में 40 के आसपास वाहन ठीक होने के लिए पड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि निगम के कुछ अफसर ईकोग्रीन कंपनी को फिर से मौका देने की तैयारी में जुट गए हैं।
जनता के काम में लग गया हूं, शहर पूरा साफ होना चाहिए, ये मेरी जिम्मेदारी है
^आचार संहिता हटते ही जनता के काम में लग गया हूं। शहर में कचरा काफी जगह पड़ा था। मेरे साथ अधिकारी निरीक्षण करने गए थे। मैंने उन्हें दीपावली के दिन कचरे के ढेर दिखाए। कुछ जगह सीवरलाइन चोक थीं। अधिकारियों से कह दिया है कि सफाई के सिस्टम को सुधारा जाए। अब नगर निगम के अधिकारियों के साथ-साथ जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग करेंगे।
-प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री मप्र शासन