राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में रविवार को मौसम अचानक बदल गया। जयपुर और बारां में अचानक आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। जयपुर में कुछ जगहों पर ओले भी गिरे। हरियाणा के हिसार में ओले गिरे। उत्तर भारत में बर्फबारी का असर मप्र में दिखाई पड़ रहा है। यहां भेापाल समेत प्रदेश के 32 से ज्यादा जिलाें में रात का तापमान सामान्य से 2 से 5.8 डिग्री तक ज्यादा। पिछले 13 दिनाें से रात में पड़ रही तेज ठंड गायब है। इसकी वजह बताते हुए मौैसम वैज्ञानिक एचएस पांडे कहते हैं उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस से जब बारिश या बर्फबारी हाेती है तो मध्य प्रदेश में हवा का रुख दक्षिणी हाे जाता है।
ये हवा समुद्र से नमी लाती है ताे तापमान बढ़ता है। जब देश के उत्तरी हिस्से से यह सिस्टम गुजर जाता है ताे वहां बर्फ पिघलती है। तीन- चार दिन बाद वहां से हमारे यहां उत्तरी हवा बर्फीली हवा लाती है। इसके बाद ही हमारे यहां ठंड बढ़ती है। ग्वालियर में रविवार को डेढ़ घंटे में 30.9 मिमी बारिश दर्ज होने से नवंबर में बारिश का 10 साल का रिकार्ड टूट गया। इससे पहले नवंबर 2009 में 63.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। उधर, उत्तर भारत के पंजाब में लुधियाना, फिरोजपुर, पठानकोट, संगरूर, मुक्तसर और अमृतसर में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान के कोटा समेत 10 जिलाें और पश्चिमी राजस्थान के श्रीगंगानगर समेत 3 जिलों में अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली का प्रदूषण आपात स्तर तक, AQI 465 पहुंचा
वायु प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली-NCR में पटाखों पर प्रतिबंध का खूब उल्लंघन हुआ। लोगों ने दीवाली पर खूब पटाखे चलाए। इसकी वजह से दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता गिरकर आपात स्थिति तक पहुंच गई। रविवार सुबह राजधानी में धुंध की गहरी चादर छा गई, जिस दृश्यता काफी कम हो गई।
इस दौरान वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 465 पर पहुंच गया। पिछले तीन साल में दीवाली बाद के AQI औसत से यह 26 फीसदी ज्यादा था। 2019 में दीवाली बाद AQI- 337, वहीं, 2018 में 390 और 2017 में दीवाली के दूसरे दिन AQI-319 था। हालांकि दोपहर बाद चली तेज हवा और हल्की बूंदाबादी से शाम को गुणवत्ता में सुधार भी हुआ।
मप्र का ग्वालियर सबसे प्रदूषित, AQI 401
दीपावली पर मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर ग्वालियर रहा। यहां के फूल बाग में AQI 401 पर पहुंच गया था। ग्वालियर के बाद उज्जैन का AQI 313 और रतलाम का AQI 307 पाया गया। भोपाल में AQI 189 रहा। सिंगरौली और कटनी में भी हवा खराब रही। अनूपपुर, भोपाल, दमोह, देवास, इंदौर और जबलपुर में वायु प्रदूषण मध्यम रहा।
सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों के लिए घातक
दीपावली पर फैले प्रदूषण को सामान्य होने में तीन से चार दिन का समय लगता है। लगातार ऐसी हवा में सांस लेने से प्रदूषित हवा से श्वास संबंधी रोग जैसे ब्रोंकाइटिस, बिलिनोसिस, गले का दर्द, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर आदि हो जाते हैं। हवा में सल्फर-डाई-ऑक्साइड और नाइट्रोजन-डाई- ऑक्साइड की अधिकता से कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह आदि हो जाते हैं। -अच्युतानंद मिश्र, सदस्य सचिव, मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल