भोपाल। दिल्ली में निजामुद्दीन की मरकज में कोरोनावायरस फैलने की बात सामने आ रही है। इसमें मध्य प्रदेश से भी 107 लोग शामिल हुए थे। बताया गया कि इसमें शामिल होकर लौटी 50 जमातें भोपाल में रुकी थीं। दिल्ली से लौटे मध्य प्रदेश के 107 लोगों में से 31 लोग भोपाल के पुराने शहर के रहने वाले हैं। प्रशासन उन लोगों की तलाश कर रहा है जो मरकज में शामिल हुए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से ऐसे लोगों की तलाश कर उनके सैंपल ले रही है। करीब 11 लोगों की पहचान कर सैंपल लिए गए। इन लोगों को घर पर ही क्वारैंटाइन किया गया। इस मामले की पुष्टि एसडीएम सिटी जमील खान ने की।
सोमवार को निजामुद्दीन की मरकज से कोरोना का संक्रमण फैलना सामने आया। राज्य सरकार ने इसकी जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी गृह विभाग को दी। इसके बाद पता चला कि धर्म प्रचार का प्रशिक्षण लेने दिल्ली की निजामुद्दीन की मरकज में मध्य प्रदेश से 107 लोग गए थे। इसमें से 31 लोग भोपाल के पुराने शहर के रहने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, 31 लोगों के अलावा दिल्ली से लौटते समय 50 जमातें शहर की अलग-अलग मस्जिदों में रुकी थीं। एक जमात में करीब 15 से 20 या इससे अधिक लोग रहते हैं। इनकी संख्या निश्चित नहीं रहती। इन जमातों के सदस्यों ने पुराने भोपाल की कई घनी बस्तियों में करीब एक सप्ताह धर्म प्रचार किया था। इसके बाद ये जमातें वापस अन्य प्रदेशों में चली गईं। सरकार ये जानकारी जुटा रही है कि ये जमातें भोपाल से प्रदेश के किन-किन जिलों में गईं और अभी कहां पर हैं।
जानकारी के अनुसार दिल्ली से लौटी एक जमात ऐशबाग स्थित रहमानी मस्जिद में रुकी थी और यहां करीब 100 लोगों से मिली थी। इसी तरह जहांगीराबाद की तीन मस्जिदों, शाहजहांनाबाद, इतवारा, टीला जमालपुरा, ऐशबाग स्थित कई मस्जिदों में करीब पांच दिन तक रुकी थीं।